- दिया व्यस्तता का हवाला, कहा: 31 जनवरी तक समय नहीं है,
- ED ने 9वें समन में CM से स्थान समय और दिन खुद तय करने को कहा था,
नया लुक ब्यूरो
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED के 9वें समन के जवाब में 31 जनवरी तक खुद की व्यस्तता का हवाला देते हुए ED ऑफिस आने से इंकार कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके पास 31 जनवरी तक समय नहीं है। व्यस्तता की वजह से वह ED ऑफिस नहीं आ पाएंगे। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब भेजा। गुरुवार को दोपहर में मुख्यमंत्री कार्यालय का कर्मी सीलबंद लिफाफे में मुख्यमंत्री का जवाब लेकर आया था। बता दें कि 23 जनवरी को ईडी ने मुख्यमंत्री को 9वां समन भेजा था। ईडी ने उन्हें 27 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा था। ईडी ने इस बार भी मुख्यमंत्री को विकल्प दिया था कि वह स्थान, समय और दिन निश्चित करें। अधिकारी खुद आएंगे।
20 जनवरी को मुख्यमंत्री से हुई थी पूछताछ
इससे पहले मुख्यमंत्री 8वें समन पर पूछताछ के लिए उपलब्ध हुए थे। 20 जनवरी को कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में हेमंत सोरेन से पूछताछ हुई थी। बताया जाता है कि ईडी अधिकारियों ने जमीन घोटाला केस में मुख्यमंत्री से 300 सवाल पूछे। कहा जा रहा था कि ED के अधिकारी जवाब से संतुष्ट नहीं थे और यही वजह है कि मुख्यमंत्री को फिर से समन किया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री ने पूछताछ के तुरंत बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि यह विपक्षी पार्टियों को षड्यंत्र है। वे हमें हटाना चाहते हैं। लेकिन झारखंडी कभी किसी से डरा नहीं है। उन्होंने कहा था कि विरोधियों का हर साजिश बेनकाब होगा।
मुख्यमंत्री ने इस बार दिया व्यस्तता का हवाला
मुख्यमंत्री को रांची जमीन घोटाला केस में अगस्त 2023 से जनवरी 2024 के बीच 8 समन भेजा गया। 8वां समन 14 जनवरी को भेजा गया था। मुख्यमंत्री को कहा गया था कि वे 16 से 20 जनवरी के बीच समय, स्थान और दिन का चुनाव कर ईडी को सूचित करें। अधिकारी वहीं जाकर उनसे पूछताछ कर लेंगे। उनसे 20 जनवरी को पूछताछ हुई थी। मुख्यमंत्री को सबसे पहले इस केस में आठ अगस्त को समन कर 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था। तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि ईडी का समन राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। यदि ईडी ने समन वापस नहीं लिया तो वे कानूनी रास्ता अपनाएंगे। दूसरे समन के बाद मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री फिर हाईकोर्ट गये जहां उनसे कहा गया कि ED को किसी केस में किसी व्यक्ति से पूछताछ कर बयान लेने का अधिकार है। हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते। इसके बाद 7 समन और भेजे गये। हर बार मुख्यमंत्री किसी न किसी बहाने से ED दफ्तर नहीं गये। आखिरकार 20 जनवरी को पूछताछ हुई।