नई दिल्ली। सरकार ने दूरसंचार सेवाओं और कवरेज की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से विभिन्न मेगाहर्ट्ज के तहत 10523.1 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम नीलामी को आज मंजूरी दे दी, जिससे सरकार को आरक्षित मूल्य पर 96317.65 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज देर शाम हुयी बैठक में दूरसंचार विभाग के इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी, जिसके माध्यम से दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए सफल बोलीदाताओं को स्पेक्ट्रम सौंपा जाएगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यहां संवाददाताओं को यह जानकारी देते हुये कहा कि ये नीलामी 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जाएगी। स्पेक्ट्रम को 20 वर्षों की वैधता अवधि के लिए असाइनमेंट के लिए पेश किया जाएगा। रुपये के मूल्यांकन के साथ कुल 10,523.15 मेगाहर्ट्ज की पेशकश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने दूरसंचार सेवाओं की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्पेक्ट्रम उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से मौजूदा स्पेक्ट्रम उपयोग पर विचार करने के लिए सचिवों की एक समिति (COS) भी गठित की है। इसके साथ ही स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (ATP) प्रणालियों और संचालन के लिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में एनसीआरटीसी जैसी रेल-आधारित शहरी व क्षेत्रीय पारगमन प्रणालियों की स्पेक्ट्रम आवश्यकताओं के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी है। ठाकुर ने कहा कि भारत आज डिजिटल प्रौद्योगिकियों में अग्रणी होने के लिए जाना जाता है। इसके 5जी रोलआउट को विश्व स्तर पर सबसे तेज़ 5जी रोलआउट के रूप में मान्यता दी गई है। मोबाइल संचार एक मजबूत और न्यायसंगत डिजिटल भारत का प्रवेश द्वार है। इसके अलावा, भारत 6जी सेवाओं में अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है जो अगले 5 वर्षों में आकार ले लेगी।(वार्ता)