- शासन द्वारा बच्चों को निपुण बनाने के अभियान को लगाया जा रहा पलीता
आयुष मौर्य
धौरहरा खीरी। विकास क्षेत्र में बच्चों को निपुण बनाने के अभियान का खुलेआम मखौल उड़ाया जा रहा है। बेखौफ़ शिक्षक स्कूल न जाकर सिर्फ रजिस्टर दुरुस्त रखने का काम कर अक्सर विद्यालय से नदारद रहते है। जिसके चलते स्कूल में नामांकित बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। सबसे खाश बात तो यह है कि जिम्मेदार अधिकारी भी इन शिक्षकों के कंधे से कंधा मिलाकर कागजों पर ही जांच कर सब ठीक होने का दावा कर रहे हैं। मामला धौरहरा विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कटैलापुरवा का है। जहां स्कूल में नामांकित छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए तीन अध्यापकों की तैनाती की गई है।
अधिकारियों की मिली भगत के चलते स्कूल में तैनात शिक्षक बिना स्कूल आए ही वेतन लेकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय कटैलापुरवा में नामांकित 216 छात्र छात्राओं के सापेक्ष सिर्फ तीस ही बच्चे मौजूद थे। जिन्हें सहायक अध्यापक सुरेश कुमार पाण्डेय पढ़ा रहे थे। जिनसे जानकारी करने पर उन्होंने ने बताया कि इंचार्ज प्रधानाध्यापक शिशिर कुमार श्रीवास्तव जरुरी काम से धौरहरा गए हैं। जबकि सहायक अध्यापक सौरभ गुप्ता कहां है यह पूछने पर उन्होंने चुप्पी साध ली।
ग्रामीण व छात्र छात्राओं ने बताया कि स्कूल में तीन शिक्षकों की तैनाती होने के बाद भी प्रतिदिन सिर्फ एक ही शिक्षक स्कूल आकर बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं जबकि अगले दिन दूसरे शिक्षक। इससे यह आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत सरकार के द्वारा गरीब बच्चों को निपुण बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान को लेकर शिक्षक कितना गंभीर है। मामले में बीईओ धौरहरा आशीष कुमार पाण्डेय ने बताया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।