झारखण्ड: चर्चित नींबू पहाड़ अवैध खनन मामले में CBI जांच का रास्ता साफ, हाईकोर्ट से राज्य सरकार की याचिका खारिज

  • Ex CM हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र व अन्य पर है आरोप,
  • कपिल सिब्बल की नहीं चली वकालत,

नया लुक ब्यूरो

रांची।  झारखण्ड के साहिबगंज जिले में स्थित नींबू पहाड़ पर अवैध खनन के मामले में सीबीआई जांच पर लगी रोक को झारखण्ड हाईकोर्ट ने आज हटा दिया। अब इस मामले की जांच को CBI आगे बढ़ा सकेगी। दरअसल, नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले मे CBI पर झारखंड सरकार की सहमति के बगैर एफआईआर दर्ज करने का आरोप था।  इसी FIR  दर्ज करने को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र एवं अन्य के संरक्षण में अवैध खनन का आरोप है। इसी CBI  जांच रोकने को लेकर राज्य सरकार ने याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने याचिका ख़ारिज करने का यह फैसला सुनाया। एक सप्ताह पहले ही इस मामले पर जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट का आदेश केवल प्रारंभिक जांच यानी पीई दर्ज करने का था, लेकिन राज्य सरकार की अनुमति के बिना CBI ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली, जो गलत है। पीई में अगर CBI को कुछ मिला था तो राज्य सरकार की अनुमति लेनी चाहिए थी। सीबीआई की ओर से वरीय वकील अनिल कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश था कि अगर पीई में कुछ आपराधिक घटनाओं की संलिप्तता मिलती है तो वह कानून सम्मत निर्णय लेकर आगे की कार्रवाई कर सकता है।

पीई में आपराधिक संलिप्तता और हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में CBI डायरेक्टर ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था और मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। प्राथमिकी दर्ज करने के लिए CBI को राज्य सरकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। पीई दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई के संबंध में हाईकोर्ट का आदेश काफी स्पेसिफिक था। राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय वकील कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा था जबकि महाधिवक्ता राजीव रंजन, वकील पीयूष चित्रेश भी मौजूद रहे।

यह है पूरा मामला

विजय हांसदा ने पूर्व में पंकज मिश्रा एवं अन्य द्वारा नींबू पहाड़ पर अवैध खनन को लेकर जो शिकायत की थी और उसकी CBI जांच करने का आग्रह हाईकोर्ट से किया था। बाद में विजय हांसदा ने अपने उस याचिका को वापस लेने का अनुरोध कोर्ट से किया, लेकिन हाईकोर्ट ने उसके इस आग्रह को दबाव में लिया गया निर्णय माना और उसके अनुरोध को खारिज करते हुए नींबू पहाड़ अवैध खनन की वस्तुस्थिति की प्रारंभिक जांच करने का आदेश सीबीआई को दिया।

CBI ने इसकी प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट से साहिबगंज में नींबू पहाड़ में अवैध खनन मामले में एक संशोधित आदेश पारित करने का आग्रह किया, लेकिन हाईकोर्ट ने CBI  द्वारा नींबू पहाड़ में अवैध खनन को लेकर प्राथमिक दर्ज करने के आग्रह को निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी CBI  ने बिना हाईकोर्ट की अनुमति एवं राज्य सरकार की सहमति के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन को लेकर 20 दिसंबर 2023 को प्राथमिक दर्ज की थी जिसे राज्य सरकार ने चुनौती दी थी। अब इस मामले में CBI  अपनी जांच आगे बढ़ सकेगी ।

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