नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने और एक करोड़ घरों के लिए हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करने के लिए 75,021 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ पीएम-सूर्य घर, मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरूवार को यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। प्रधानमंत्री ने गत 13 फरवरी को इस योजना की शुरुआत की थी। यह योजना दो किलोवाट सिस्टम के लिए सिस्टम लागत का 60 प्रतिशत CFA और दो से तीन किलोवाट क्षमता के सिस्टम के लिए 40 प्रतिशत अतिरिक्त सिस्टम लागत प्रदान करती है। CFA को तीन किलोवाट पर सीमित किया जाएगा। मौजूदा बेंचमार्क कीमतों पर एक किलोवाट सिस्टम के लिए 30,000 रुपये, दो किलोवाट सिस्टम के लिए 60,000 रुपये और तीन किलोवाट सिस्टम या उससे अधिक के लिए 78,000 रुपये की सब्सिडी होगी।
लोग परिवार राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से सब्सिडी के लिए आवेदन करेंगे और छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए एक उपयुक्त विक्रेता का चयन करने में सक्षम होंगे। राष्ट्रीय पोर्टल उचित सिस्टम आकार, लाभ कैलकुलेटर, विक्रेता रेटिंग आदि जैसी प्रासंगिक जानकारी प्रदान करके परिवारों को उनकी निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहायता करेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में छत पर सौर ऊर्जा अपनाने के लिए रोल मॉडल के रूप में कार्य करने के लिए देश के प्रत्येक जिले में एक मॉडल सौर गांव विकसित किया जाएगा। शहरी स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थान भी अपने क्षेत्रों में RTS स्थापनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन से लाभान्वित होंगे। यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (RESCO) आधारित मॉडलों के लिए भुगतान सुरक्षा के लिए एक घटक के साथ-साथ RTS में नवीन परियोजनाओं के लिए एक फंड प्रदान करती है। इस योजना के माध्यम से परिवार बिजली बिल बचाने के साथ-साथ डिस्कॉम को अधिशेष बिजली की बिक्री के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। (वार्ता)