सिद्धार्थनगर । रहमतों और बरकतों का महीना रमजान सोमवार से शुरु हो गया। रमजान माह का पहला रोजा बड़ों के साथ साथ नन्हे व मासूम बच्चों ने भी रखा। यह इनकी ज़िंदगी का पहला रोज़ा था। बच्चो को उनके माता पिता और रिश्तेदारों ने पहला रोज़ा रखने पर बच्चों को दुआओं के साथ साथ ढेर सारा उपहार भी दिया।
मिली जानकारी के अनुसार जिले के वरिष्ठ पत्रकार व तालीमी बेदारी के अध्यक्ष सगीर ए खाकसार के आठ वर्षीय पुत्र रैय्यान सगीर ने अपनी ज़िंदगी का पहला रोज़ा रखा। रैय्यान के माता पिता ने बताया कि उन्हे उम्मीद नहीं थी कि उनका बच्चा रोज़ा रख पायेगा लेकिन बच्चे ने पूरे दिन भर का रोज़ा मुकम्मल किया। रैय्यान फिलवक़्त कक्षा दो के छात्र हैं। रैय्यान ने रोज़ा भी रखा और अपने वालिद के साथ नमाज़ भी अदा की।
डुमरियागंज के भरवाठिया निवासी मो आरिफ खान की पुत्री उम्मे रुबाब उर्फ़ माहा ने भी अपनी ज़िंदगी का पहला रोज़ा रखा। वो अभी क्लास नर्सरी की छात्रा है और उसकी उम्र महज़ सात साल की है। धूप व भूख प्यास की परवाह किए बिना नन्हे मुन्ने बच्चों ने सिर्फ रोज़ा रखा अपितु अल्लाह और उसके रसूल की रजा हासिल करने के लिए भूख और प्यास की शिद्दत भी बर्दाश्त की। माहा के पहला रोजा रखने पर उनके घर में खुशी का माहौल रहा। उनके दादा डा एम एन खान ने माहा के पहला रोज़ा रखने की खुशी में घर मे खास पकवान का इंतेज़ाम किया । रोजा इफ्तार के दौरान नन्हे मुन्ने रोज़ेदारों ने अपने मनपसंद के लजीज खाने का भी लुत्फ़ उठाया।