मतदाता कि कसौटी हो राष्ट्रहित: जय प्रताप सिंह

  • सत्ता का प्रथम अन्तिम स्टेक होल्डर है मतदाता : DR CS त्रिपाठी

सुभाष पांडेय

बांसी/सिद्धार्थनगर। मतदाता की जिम्मेदारी अपना वोट देने तक सीमित नहीं है अपने पड़ोसियों में हर एक का मतदान सुरक्षित करना हम सबका नागरिक कर्तव्य है हमें राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए वोट देने का फैसला करना चाहिए।  मंगल मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत स्थापित संस्था परमार्थ संधान उपक्रम के सौजन्य से स्थानीय नेशनल पॉलिटेक्निक के सभागार में आयोजित मतदाता करे क्या विषयक परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वर्तमान क्षेत्रीय विधायक जय प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में वर्तमान राजनीतिक दौर में कमजोर विपक्ष को बेहतर लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया प्रति पक्षीय राजनीतिक दलों को संघात्मक कार्य कुशलता और संगठन का माइक्रो मैनेजमेंट कि ओर इशारा करते हुए उन्होंने प्रतिपक्ष को भाजपा से सीख लेने का सुझाव दिया । विषय परिवर्तन करते हुए संगोष्ठी के संयोजक ओम प्रकाश राय ने कहा की परिचर्चा के प्रस्तावित विषय निहितार्थ स्पष्ट करता हूं। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्दे नजर मतदान की दुविधा मूल विचारणीय है हमारी शासन व्यवस्था में जवाब देही का मामला उत्तरोत्तर उलझता गया।

आज का मतदाता अपनी अपेक्षाओं को लेकर वर्तमान राजनीतिक सत्ता के प्रति हताश हो गया है विपक्ष के प्रति वह आस्वस्त नहीं हो पा रहा है, इसलिए वह इस दुविधा में फंस गया है कि वह करे यह अनिर्णय की स्थिति है। यह संगोष्ठी मतदाता को दुविधा की इस दशा से बाहर लाने का एक वैचारिक आह्वान है अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिकों के विश्वास का एक स्तंभ बचा है वह है भारतीय सर्वोच्च न्यायालय हमें संविधान के पक्ष में सदैव सक्रिय रहना होगा किसी कसौटी पर सत्ता के पक्ष एवं प्रतिपक्ष के दावों का परीक्षण करना होगा याद रहे सत्ता के पहले और अंतिम स्टेट होल्डर हम भारत के लोग ही हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व सांसद डॉक्टर चंद्रशेखर त्रिपाठी ने कहा की असली समस्या यह है कि हमारी राज व्यवस्था में जवाब देही तय नहीं हो पाती अभी तक कोई लक्ष्मण रेखा तय नहीं हो पाई है। मतदाता सूची से लगायत।

मतदान की सुरक्षा तक कोई गारंटी नहीं बची है। शासन और प्रशासन एक दूसरे में में घुल मिल गए है ।यह यक्ष प्रश्न है नागरिक समाज की अपेक्षाओं पर राजनीतिक व्यवस्था कैसे खरी उतरे वक्तव्य के अंत में उन्होंने कहा कि इस परिचर्चा का मकसद आप सभी नागरिक जन को जगना है। हमें सिर्फ वोट भर नहीं देना है। अपने जनप्रतिनिधि की जवाब देही भी हम सब को मिलकर तय करना होगा। शासन की जन विरोधी कार्यो के खिलाफ नागरिकों को लामबंद होना पड़ेगा। आयोजन के संरक्षक शिक्षा विद डॉक्टर दशरथ चौधरी ने कहा कि निकट भविष्य में देश के प्रधानमंत्री के एक राष्ट्र एक चुनाव के आह्वान का महत्व बताया उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में त्रिस्तरीय चुनाव के लिए एक ही मतदाता सूची तैयार हो जाएगी।

तब सभी चुनावी विसंगतियां दूर हो सकेंगे बस्ती गोरखपुर मंडल के पत्रकारिता जगत के प्रमुख हस्ताक्षर यशोदा श्रीवास्तव ने राजनीतिक प्रतिपक्ष को पूरी ताकत देने का प्रस्ताव किया। बांसी परिक्षेत्र को कौमी एकता की मिसाल बताते हुए इसके उदाहरण के रूप में उन्होंने क्षेत्रीय विधायक के नाम का उल्लेख भी किया था अपने विचार प्रस्तुत करने वाले वक्ताओं में रतन सेन महाविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के प्रवक्ता डॉ विकास सिंह, कौशल शुक्ला, कैलाश नाथ बाजपेई ,अभिनय राय के नाम उल्लेखनीय है। उपस्थित जनसमुदाय में महाराजगंज जनपद के कांग्रेस नेता राम प्यारे प्रसाद, जयंती प्रसाद मिश्र, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, जयप्रकाश राय, सुभाष चंद्र पाण्डेय, अमित तिवारी, आलोक तिवारी, हरिश्चंद्र ओझा, संजय शर्मा, शम्भू कश्यप आदि के नाम उल्लेखनीय है ।आयोजन के आमंत्रित मंचासीन वक्ताओं तथा आयोजन में सम्मिलित समस्त प्रबुद्ध नागरिक समुदाय के प्रति आभार ज्ञापन परिचर्चा के संयोजक ओमप्रकाश राय ने किया।

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