- बरसाना की लट्ठमार होली देखने देश- विदेश से उमड़े श्रद्धालु
- रंगोत्सव 2024: हुरियारों पर बरसीं प्रेम रस से भीगीं लाठियां
- रंगों से सराबोर हुई गलियां और चौबारे, देर शाम तक बरसा रंग
- उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने किए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित
बरसाना/मथुरा। राधा रानी की नगरी बरसाने में विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली रसिया गायन के साथ के शुरू हुई। 16 श्रृंगार से होली के लिए सुसज्जित बरसाने की हुरियारिनों ने सोमवार शाम नंदगांव के हुरियारों पर प्रेम रस से भीगीं तड़ातड़ लाठियां बरसाईं तो माहौल देखने लायक था। रंगों से सराबोर आसमान और ढालों की ओट में हुरियारे प्रेम पगी लाठियों से बचते देख, ऐसा लगा जैसे रंगीली गली में द्वापर युग लीला सजीव हो उठी हो। शाम करीब 5:30 बजे लट्ठमार होली खेली गई। नंदगांव के हुरियारों पर बरसाने की हुरियारिनों ने लाठियां बरसाई, जिन्हें देखने के लिए लाखों की तादाद में लोग उमड़ पड़े। आलम यह था कि छतों से लेकर सड़कों तक पैर रखने की जगह नहीं थी। योगी सरकार में आयोजित हुए रंगोत्सव 2024 में चहुंओर रंग से नहाए लोग ही नजर आ रहे थे।
हुरियारिनें सुबह से परंपरागत लहंगा- चुनरी पहनकर तैयारियों में जुटी रहीं। दोपहर करीब दो बजे कान्हा की प्रतीक ध्वजा लिए नंदगांव से हुरियारों के टोली आना शुरू हो गई। प्रिया कुंड पर बरसाना के गोस्वामी समाज के मुखिया के नेतृत्व में स्वागत किया गया और भांग की ठंडाई में केवड़ा, गुलाब जल और मेवा घोल कर हुरियारों को पिलाया। यहां हुरियारों ने अपने- अपने सिर पर पाग बांधी। जो बच्चे पहली बार होली खेलने आए, उनके पिता, दादा जब पाग बांध रहे थे तो लग रहा था जैसे अगली पीढ़ी को होली खेलने के लिए उत्तराधिकार दिया जा रहा हो। पाग बांध हुरियारे लाडली मंदिर पहुंचे।
दरसन दै निकरि अटा में ते, दरसन दै… गाते हुए हुरियारों ने ध्वजा को किशोरी जी के पास रख दिया। मंदिर परिसर में दोनों गांवों के गोस्वामियों ने समाज गायन में एक- दूसरे पर प्रेम भरे कटाक्ष किए। इसके बाद हुरिया रंगीली गली में पहुंचे तो, हुरियारिनें रंगेश्वर महादेव मंदिर और घरों के दरवाजे पर घूंघट की ओट में टोल बना कर खड़ी मिलीं। उन्हें देख हुरियारों ने पंचम वेद के पदों का गायन किया तो हुरियारिनों ने भी रसियों से जवाब दिया। सवा पांच बजे एक हुरियारिन ने हुरियारों को खदेड़ने के लिए लाठी मारी, जिसे बड़ी कुशलता से ढाल पर रोक लिया। लाडली मंदिर से लेकर रंगीली गली तक राधा-कृष्ण के जयकारे गूंजते रहे। भक्ति और प्रेम के रंग में रंगने के लिए श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ उमड़ी कि मंदिर में पैर रखने तक की जगह नहीं थी।
बरसाना में करीब एक हजार हुरियारिनें हाथ में लट्ठ लेकर मैदान में पहुंच गईं। नंदगांव से भी इतने ही ग्वाले आए। बरसाना की गलियों में हुरियारिनें जिधर घूमती, खलबली सी मच जातीं। पता नहीं कब किस पर लाठी बरसने लगे। बरसाना निवासी सुधा शर्मा कहती हैं कि वे तो राधा रानी की सखी हैं। उनके मन में नंदगांव के हुरियारों के प्रति प्यार उमड़ता है। लट्ठ नहीं ये तो प्यार से पगी लाठी है जो वार तो करती है, मगर दर्द नहीं। वहीं रंगीली गली की रानी खुशी से सराबोर थीं। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा उल्लास और खुशी का मौका और कोई हो ही नहीं सकता। ब्रज की इस अनोखी होली को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग पहुंचे।
हेलीकॉप्टर से की गई पुष्प वर्षा
योगी सरकार द्वारा बरसाने में हुरियारों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। छतों से अबीर- गुलाल और रंग बरसा। श्रीलाडली मंदिर में 10 क्विंटल से ज्यादा रंग- गुलाल उड़ाया गया। हर ओर उत्सव सा माहौल रहा। बरसाने में इतनी भीड़ थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं थी। देश- विदेश के करीब 10 लाख श्रद्धालु विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली के साक्षी बने। इस मौके पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।