
- कृष्ण भक्त मयंक नहीं करता है मांसाहार का सेवन
- दुनिया के सभी बल्लेबाजों को चौंकाने वाला खेल सकता है टी-20 विश्वकप
विनय प्रताप सिंह
लखनऊ। लखनऊ सुपरजॉयंट्स (LSG) के तेज गेंदबाज मयंक यादव अच्छी गति के साथ सही जगह गेंद डालकर विपक्षी टीम के बल्लेबाजों असहज कर देते है। मयंक ने विपक्षी टीम के बल्लेबाजों के लिए सनसनी बने हुए हैं। उन्होंने इस IPL- 2024 के इस सत्र में लगातार दो मैचों में प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड अपने नाम किए है। नैसिर्गिक तौर पर तेज गेंदबाजी में माहिर 21 साल के इस बॉलर की रफ्तार के आगे जॉनी बेयरस्टो, ग्लेन मैक्सवेल और कैमरन ग्रीन जैसे विश्व क्रिकेट के दिग्गज भी खौफजदा दिखे।
उनकी गेंदबाजी की हर कोई तारीफ कर रहा है और उनको भारतीय टीम में लेने की सुगबुगाहट शुरु हो गई। मयंक ने अपने IPL करियर में अब तक आठ ओवर फेंके हैं। उन 48 गेंदों में से 17 गेंदें 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली थीं। उनकी सबसे तेज डिलीवरी 156.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आई थी, जो दो अप्रैल (मंगलवार) को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाफ उन्होंने फेंकी थी। IPL में वो उमरान मलिक के बाद इतनी स्पीड से गेंद फेंकने वाले दूसरे भारतीय और ओवरऑल पांचवें गेंदबाज हैं।
IPL के इस सत्र में राजधानी एक्सप्रेस के नाम से चर्चित हुए बिहार के मयंक यादव ने अपनी गेंदबाजी से दुनिया के तमाम दिग्गज खिलाड़ियों को प्रभावित किया है। मयंक के पिता प्रभु यादव खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे, पैसे न होने की वजह से कारण वो नहीं खेल सके। आज उनका बेटा भारत का सबसे बड़ा स्पीड स्टार है। मयंक ने क्रिकेट की दुनिया में तूफानी एंट्री ली। मयंक अब तक दो मैचों में 6 विकेट ले चुके हैं। RCB के बल्लेबाजों को अपनी तेज गेंदों से कंपाने वाले मयंक के प्रदर्शन को देखते हुए ये भी कहा जा रहा है कि ये खिलाड़ी इस साल का टी-20 वर्ल्ड कप खेल सकता है। शिखर धवन और फाफ डु प्लेसिस से लेकर स्टीव स्मिथ तक इस युवा तेज गेंदबाज की तारीफ कर चुके हैं। सभी ने कहा कि टी-20 विश्वकप में यह भारत के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकता है।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन को आदर्श मानने वाले 21 वर्षीय मयंक का सपना है कि वह देश के लिए लंबा खेलें और टेस्ट क्रिकेट में भी योगदान दे सकें। वह लाल गेंद के क्रिकेट के लिए अपने शरीर को फिट रखने की कोशिश कर रहे हैं। मयंक ने कहा कि मैं गेंदबाजी के समय खिलाड़ी की वरीयता नहीं देखता क्योंकि मुझे लगता है कि अगर मैं इस बारे में अधिक सोचूंगा तो शायद गेंदबाजी नहीं कर पाऊंगा। हम मैच से पहले जो रणानीति बनाते हैं, मेरा प्रयास यही होता है कि उसी के अनुसार गेंदबाजी करूं।
मयंक के पिता प्रभु कहते हैं कि मयंक ने सात साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलनी शुरू कर दी थी। मेरा सपना था जिसे अब वो जी रहा है। मुझे याद है कि जब मैं सड़कों पर खड़े होकर मैच देखा करता था। ऐसे में उसने काफी ज्यादा मेहनत की है। उम्मीद है कि वो आगे भी ऐसे ही मेहनत करता जाएगा और टीम इंडिया की जर्सी में नजर आएगा। मयंक की मां कहती है कि लखनऊ की तरहफ से खेलने वाला मयंक दो साल पहले ही शाकाहारी बन गया था क्योंकि वो भगवान कृष्ण को बहुत ज्यादा मानता है।
लखनऊ के गेंदबाजी कोच मोर्ने मॉर्केल कहते हैं कि मयंक के साथ काम करना काफ़ी आसान है, क्योंकि उसकी गति स्वाभाविक है। अब तक खेले दोनों मैचों में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है और अब उनके लिए सबसे अहम बात है कि वह अनुभव हासिल करें। उन्हें कोशिश करनी होगी कि वह अधिक से अधिक मैच खेलें। पिछले सीज़न दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से वह चोटिल हो गए थे, लेकिन इस सीज़न उनके लिए पूरी टीम काफ़ी खुश है।
वहीं आस्ट्रेलिया के पूर्व ओपनर और धाकड़ आलराउंडर शेन वॉटसन का कहना है कि मयंक यादव ने अपनी गेंदबाजी से मौजूदा IPL में सभी को आकर्षित किया है। निश्चित रूप से मयंक के बारे में काफी चर्चा हो रही है, जिनकी रफ्तार विश्व स्तरीय है और उसने विश्व स्तरीय कौशल भी दिखाया है। LSG भाग्यशाली है कि उनके पास ऐसा खिलाड़ी है। बड़े मंच पर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों के खिलाफ प्रदर्शन करना और उन पर दबदबा बनाना बहुत खास है।
अंडर-19 वर्ल्डकप के प्रदर्शन से IPL में एंट्री मारने वाले तेज गेंदबाजों में महाराष्ट्र के 19 साल के अर्शिन कुलकर्णी भी हैं, जो 20 लाख की बेस प्राइज में LSG टीम से जुडे हैं। टी-20 क्रिकेट के बेहतरीन प्लेयर्स में शुमार अर्शिन को IPL में डेब्यू का इंतजार है। अर्शिन ने सात मैचों में एक शतक के साथ 189 रन बनाने के अलावा चार विकेट भी हासिल किए थे। इसी साल पहला फर्स्ट क्लास मैच खेलते हुए वे महाराष्ट्र की ओर से अर्धशतक जड़ने के अलावा दो विकेट भी हासिल कर चुके हैं।