घर में घेर के आ रही हो परेशानी तो समझें यह विकार हो गया शुरू, जानें परेशानी की वजह, निशानी और उपाय

ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ‘ शास्त्री’

अगर किसी की जन्म कुंडली में सूर्य, शनि साथ-साथ हों या आमने-सामने हों। अगर राहु किसी भी ग्रह के साथ हो तो उस ग्रह से जुड़ा पितृदोष बनता है। राहु सूर्य या गुरु के साथ हो तो प्रमुख पितृदोष बनता है। जन्म कुंडली के 2, 5, 9,या 12 में घर में शुक्र, बुध या राहु बैठ जाए तो भी पितृदोष बनता है।यह दोष जब एक्टिव होता है तब लोगो की जिंदगी बंध जाती है। उनकी रप्तार थम जाती है और कोई भी प्रमुख कार्य कभी भी समय पर पूरा ही नही होता है। इस संसार में 70%लोग पितृदोष से जुंझ रहे है। पितृदोष लगातार धन की समस्याओं में उलझा कर रखता है। कितना भी कमा लेने के बावजूद पैसा बचता ही नही और घर में बीमारियां भर देता है। कोई कुछ भी कहे पर जो लोग भुक्तभोगी हैं, वे अच्छे से जानते है कि पितृदोष का दुष्प्रभाव कितना घातक और मारक होता है।घर में अगर किसी को सर्दी जुकाम भी हो जाए तो वह भी बड़ी समस्या बन जाता है और जल्दी ठीक नही होता है।

ऐसी होती हैं निशानियां

पितृदोष वाले घर की निशानियां यह होती है कि घर में हमेशा कोई न कोई बीमार होते रहता है। घर में लोग होलसेल में दवाइयां खाते रहते है। न तो इसकी तकलीफ किसी डॉक्टर को समझ में आती है और हो किसी वैद्य को। पितृदोष के शिकार लोगो को समस्याएं विचित्र ही होती है और किसी को कभी भी सही से पकड़ में नहीं आती हैं। ये लोग को प्रॉब्लम कुछ और होती है और ये दवाई कुछ और खा रहे होते है।

कुछ खास जगहों पर और कुछ बड़े विद्वानों से करा सकते हैं पितृदोष का निदान

इसी कारण से उनका दवाइयां खाने के बावजूद सही से इलाज नहीं हो पाता है। और न ही ये लोग जल्दी ठीक हो पाते है। पितृदोष वाले अपनी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए ओझा, नीम हकीम, तांत्रिक और जादू टोना वालो के पास भी जाते हैं। देवी देवताओं के पास भी जगह जगह घूमते रहते हैं, इसके बावजूद इनकी समस्याएं दूर नही होती है। हर जगह उन्हे अलग अलग बात बताई जाती है और अलग अलग सलाह दी जाती है।

घर में हो रहा हो बवाल तो समझें पितृदोष है हावी

घर में पितृदोष हो जाने पर पर पिता की बात बेटा नहीं सुनता है। मां की बात बेटी नही मानती है। भाई की भाई नही सुनता है। घर के अधिकतर लोग एक दूसरे की बात को अनसुना करने लगते है और एक दूसरे की कमियां गिनाते है और एक दूसरे की आपस में बुराई करते हैं। पिता-पुत्र,चाचा भतीजा या भाई भाई बड़े हो कर भूमि विवाद के फंस कर एक दूसरे के दुश्मन बन जाते है। लंबे समय तक कोर्ट कचहरी के चक्कर मारते मर जाते हैं पर भूमि विवाद घर से दूर नही जाता है।

पितृदोष में अगर कोई परिवार व्यापार करता है तो एक समय ऊंचाई को छूने बाद उनका व्यापार लगातार घटना शुरू हो जाता है और कर्ज लगातार बढ़ते जाता है। धीरे धीरे कर्ज इतना बढ़ जाता है की सब कुछ देना पड़ जाता है।

पितृदोष की वजह से बहुत जगह बच्चों की शादियां समय पर नही हो पाती है और अगर शादियां हो जाए तो लड़ाई झगड़े के की वजह से उनकी वैवाहिक जिंदगी नरक बन जाती है। कई जगह तो पितृदोष के कारण शादी हो कर बार-बार टूटती है।
शादी के बाद संतान न हो या वंश वृद्धि रूक जाए तो भी पितृदोष जिम्मेदार होता है।

ये परेशानियां आए तो सावधान

जिंदगी में सुख शांति और खुशहाली चाहिए तो पितृदोष से छुटकारा पाना ही चाहिए। अगर किसी की जन्म कुंडली में सूर्य शनि साथ साथ हो या आमने सामने हो,अगर राहु किसी भी ग्रह के साथ हो तो उस ग्रह से जुड़ा पितृदोष बनता है।
राहु सूर्य या गुरु के साथ हो तो प्रमुख पितृदोष बनता है।
जन्म कुंडली के 2,5,9,या 12 में घर में शुक्र,बुध या राहु बैठ जाए तो भी पितृदोष बनता है। इसके अलावा भी बहुत से कारण बनते है पितृदोष के।

पितृदोष उस घर परिवार वालो की जिंदगी को आगे ही नही बढ़ने देता है इसलिए समय पर इसका इलाज करना जरूरी है।पितृदोष जब भी लगता है पूरे घर को लगता है इसलिए सिर्फ किसी एक व्यक्ति विशेष को उपाय कर लेने से पितृदोष खतम नही होता है।घर से पितृदोष को दूर करने के लिए घर को सबसे पहले पितृदोष से मुक्त करना जरूरी है।

इसके लिए सबसे पहले और सबसे जरूरी घर में मौजूद वास्तुदोष को हटाना जरूरी है,वास्तुदोष को हटाए बिना या सुधारे बिना घर से पितृदोष नही जा सकता है।इसलिए वास्तुदोष को हटाना या उपाय द्वारा सुधार करना जरूरी है।घर में अंदर पूजा पाठ या भजन कीर्तन,होम आदि कर के घर की ऊर्जाओं को पॉजिटिव बना कर भी वास्तुदोष को दूर किया जाता है।

पितृदोष को शांत करने के लिए ज्योतिष में बहुत से धार्मिक उपाय दिए होते है,उन उपायों का भीं पालन किया जा सकता है।इसके साथ वास्तु में सुधार करना अनिवार्य होता है, ताकि सुधार का प्रभाव जल्दी मिले। ज्यादा जानकारी के लिए आप जन्म कुंडली का विश्लेषण करवा सकते है।

ये उपाय अपनाने से भी दूर होगा दोष

  • हर अमावस के दिन शिव मंदिर में जाकर देशी घी का पितरों के नाम का दीपक जलाए और उनकी सद्गति की कामना करें।
  • जो भी पितरों के गलतियां हुई हो उसके लिए उनकी तरफ से आप भोलेनाथ से क्षमा मांगे और उनको मोक्ष मिले ये प्रार्थना करे। ऐसा आप हर अमावस को लगातार करें।
  • हर अमावस को गायों को हरा चारा या गुड़ जरूर खिलाएं।
  • हर अमावस को गरीब मजदूर या जरूरत मंद लोगो को आपकी इच्छानुसार भोजन सामग्री या खाने पीने की चीजे भेंट करें।
  • परिवार के सभी सदस्यों से बराबर पैसा जमा कर उस पैसे से दूसरो की भलाई करें।
  • एक सूखा नारियल लें और उसमें रवा सेंक कर उसमे देसी शक्कर और थोड़ा घी मिला कर भर ले तथा किसी बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे अमावस वाले दिन शाम को सूर्यास्त से पहले जमीन में दबाए,ये कार्य करते समय आप का मुंह दक्षिण दिशा में होना चाहिए और मन के अंदर अपने पितरों के मोक्ष और सद्गति की भावना होना जरूरी है।
  • अपने घर की वास्तु व्यवस्थाओं को सुधारे।
  • घर को साफ सुथरा और व्यवस्थित करे।
  • घर में जमा पड़ा बहुत ज्यादा पुराना,कबाड़ और खराब इलेक्ट्रोनिक सामान डेड सामान घर से निकालें।
  • घर को हवादार रखे, ऐसा करने पर इसके बहुत जल्दी आप को परिणाम मिलेंगे।

शास्त्री जी से इस 9415087711 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

Religion

किस राशि के लोग बन सकते हैं परफेक्ट पार्टनर और किससे बिगड़ सकता है रिश्ता

विपरीत या शत्रु राशि के साथ शादी करने से वैवाहिक जीवन बन सकता है क्लेश मीन राशि के लिए मेष और वृश्चिक राशि के पार्टनर होते हैं बेहतर वृष, कन्या व मकर के लिए मिथुन, तुला व कुंभ राशि वाले होते हैं शत्रु राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद ज्योतिष के अनुसार, विपरीत या शत्रु राशि […]

Read More
Religion

वर्ष 2024: गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा छठ महापर्व, शुक्रवार सुबह तड़के उगते सूर्य को भक्तगण करेंगे सलाम

डाला छठ आजः महिलाएं घर की खुशहाली और संतान की सलामती के लिए रखती हैं व्रत कब है छठ पूजा और कब होगा नहाय-खाय, इसके अलावा जानिए कब है खरना और कब होगा समाप्ति ए अहमद सौदागर लखनऊ। हर साल की तरह इस वर्ष भी छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की […]

Read More
Religion

भाईदूज व गोवर्धन पूजा एक ही साथ आज, कई बरसों बाद बना यह अनोखा संयोग

कब है भाई दूज और कब है गोवर्धन पूजा का मुहूर्त पहली बार एक साथ पड़े हैं ये दो त्यौहार, जानें क्यों राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद भाई दूज के साथ ही पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का समापन होता है। भाई दूज का पर्व बहन और भाई के प्रति विश्वास और प्रेम का होता है। […]

Read More