महराजगंज। तेज धूप और जान लेवा तपिश से मानव हो या जानवर सब परेशान हैं। इस गर्मी से जहां मानव हानि की खबरें है वहीं बेजुबानों की भी मौतें हो रही है।हैरत है कि इससे सरकार से लेकर प्रशासन तक बेखबर हो सिर्फ वक्तव्यों और इश्तिहारों से जीवन बचाने की सीख दे रहा है। वहीं एक शख्स ने अपने निजी संसाधन से ऐसा कर दिखाया जिसकी तारीफ हर जुबां पर है।
फरेंदा कस्बे में एक निजी चिक्तिसालय की डायरेक्टर नीना अरूण चतुर्वेदी ने पानी के लिए जंगल से भाग कर आ रहे जानवरों के लिए जंगलों में छोटे छोटे जलाशय खुदवाकर उसमें पानी भरवाने का काम किया ही कस्बे में भटक रहे छुट्टा पशुओं के लिए भी करीब सौ हौदों में पानी भरवाने का नेक काम किया है।
बता दें कि कि जंगलों में पशुओं के पानी का इंतजाम करने की जिम्मेदारी वन विभाग की है। जंगलों के जलाशय सूखे पड़े हैं और अधिकांश तो अस्तित्वहीन हो गए। वन विभाग द्वारा इस ओर ध्यान न देने से जहां भारी संख्या में बंदर बस्तियों में आकर उत्पात मचाने लगे वहीं पानी के लिए भटक कर बाहर निकले अनगिनत हिरन मर गए।
इसी तरह कस्बों में छुट्टा पशुओं के पानी के इंतजाम की जिम्मेदारी नगरीय प्रशासन की है। दुर्भाग्य से उसने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। प्यास से तड़प कर मर रहे बेजुबानों की ओर ध्यान देकर उनके लिए जंगल से लेकर कस्बे तक पानी की व्यवस्था कर निश्चय ही नीना अरुण चतुर्वेदी ने पुण्य का काम किया है। उनके इस काम की सराहना हर ओर हो रही है।