ए अहमद सौदागर
लखनऊ। हाथरस जिले में सत्संग कार्यक्रम के दौरान दिल दहलाने वाली घटना ने लोगों के दिलों कोहराम दिया।
बताया जा रहा है कि अब तक इस घटना में करीब 200 से ज्यादा लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है।लेकिन अधिकारिक तौर पर 122 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं ही शामिल है। मंगलवार से शुरू हुए भोले बाबा के सत्संग में हजारों की तादात में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सुरक्षा की दृष्टि से हजारों की भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए मजह 72 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। अचानक भगदड़ मच जाने से दूरदराज से आए श्रद्धालुओं की मौत हो गई। चंद मिनट में कार्यक्रम स्थल में इधर-उधर श्रद्धालुओं के शव ने एक खौफनाक मंजर बयां कर दिया।
बताया जा रहा है कि हाथरस जिले के सिंकदराराऊ क्षेत्र स्थित फुलरई मुगलगढ़ी गांव में मंगलवार को साकार हरि को पटियाली वाले बाबा नारायण साकार हरि का सत्संग आयोजित किया गया था। सूत्रों की मानें तो इनके सत्संग में हमेशा ही हजारों की तादाद में श्रद्धालु शामिल होने आते है। दो वर्ष पूर्व वैश्विक महामारी कोविड-19 की लहर के बीच फर्रुखाबाद जनपद में बाबा नारायण साकार हरि का सत्संग आयोजित किया गया था। उस वक्त जिला प्रशासन ने सत्संग में केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50,000 से अधिक लोग सत्संग में शामिल हुए थे।
श्रद्धालुओं की भीड़ से शहर की यातायात व्यवस्था बेपटरी हो चली थी। इसके बाद प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर आयोजकों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की थी। सूत्रों की मानें तो, एटा जनपद के बहादुर नगरी गांव निवासी नारायण साकार हरि पूर्व में गुप्तचर विभाग में कार्यरत थे। इसके बाद पत्नी के साथ वह लोगों को अध्यात्म की तरफ जोड़ने लगे। नारायण साकार के सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है। इस बार यह सत्संग 2 जुलाई, मंगलवार को हाथरस जिले की सिकंदराराऊ तहसील के ग्राम फूलरई मुगलगढ़ी, नेशनल हाईवे में आयोजित किया गया। इस बीच उनके सत्संग में भगदड़ मच गई जिनमें सैकड़ों श्रद्धालुओं की जिंदगी की डोर टूट गई।
पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचने लगे श्रद्धालुओं के शव
शाम करीब चार बजे श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि होने के बाद एकाएक पोस्टमार्टम हाउस में शव पहुंचने लगे। इस भीड़ में लगे अंतिम बार अपनों को दीदार कर रोते रहे। हालांकि, मौत के इस मंजर को देख लोगों पूरी तरह से भयभीत हैं। वहीं, अस्पताल में भीड़ लगातार बेड खाली कराए गए हैं। बताया जा रहा है कि घायल श्रद्धालुओं को तत्काल इलाज मुहैया कराए जा रहे। हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार ने कहा, “बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग में एक निजी आयोजन की बात कहकर अनुमति ली गई थी। बावजूद इसके श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती चली गई। उन्होंने काबू करने के लिए पुलिस व्यस्था के व्यापक इंतजाम भी भगदड़ में तार-तार हो गए।
पुलिस की नौकरी से VRS के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ… ऐसा है स्वयंभू संत भोले बाबा का दावा
स्वयंभू संत भोले बाबा खुद को लेकर कई दावे करते हैं। बकौल बाबा वो कासगंज के पटियाली गांव के रहने वाले हैं।उत्तर प्रदेश पुलिस में 18 साल की नौकरी के बाद वीआरएस ले लिया था। VRS के बाद उन्हें भगवान से साक्षात्कार हुआ।इसके बाद उनका झुकाव अध्यात्म की ओर हुआ।यूपी के हाथरस में दिल को झकझोर देने वाला हादसा हुआ है।सिकंदरा राऊ के फुलरई गांव में स्वयंभू संत भोले बाबा का प्रवचन चल रहा था।कई राज्यों के हजारों लोग इसमें पहुंचे थेI सत्संग खत्म हुआ तो भीषण उमस और गर्मी से बेहाल लोग वहां से जाने लगे।निकलने की जल्दी में भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए आगे निकलने लगेI इस बीच जो लोग जमीन पर गिरे, उनको रौंदते हुए लोग निकलते जा रहे थे।अभी तक 100 लोगों की मौत की जानकारी आई है।ये आकंड़ा बढ़ सकता है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हाथरस हादसे का जिम्मेदार साकार विश्व हरी भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है जो की उत्तरप्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी करता था इटावा में भी लगभग अट्ठाइस वर्ष पहले एलआईयू में तैनात रह चुका है सूरज पाल उर्फ भोले बाबा।
घटना की सूचना मिलते ही एक्शन में आए योगी, देर शाम तक चलती रही हाईलेवल मीटिंग
लखनऊ। हाथरस में चल रहे धार्मिक समागम में दुर्घटना की सूचना मिलते ही लखनऊ में मौजूद सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए। घटना से आहत मुख्यमंत्री ने तत्काल न केवल तीन मंत्रियों को मौके पर भेजा बल्कि मुख्य सचिव और डीजीपी को भी व्यवस्थाओं को बेहतर करने तत्काल रवाना किया। देर शाम तक मुख्यमंत्री आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक चलती रही तो घटनास्थल पर गए मंत्रियों और अधिकारियों से मुख्यमंत्री सीधे अपडेट लेते रहे।
आयोजकों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश देने के साथ ही मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित इलाज के लिए हर जरूरी प्रबंध कराया। हाथरस और एटा के साथ-साथ आसपास के स्वास्थ्य महकमे को एक्टिव किया गया ताकि पर्याप्त डॉक्टरों की टीम इलाज के लिए उपलब्ध हो। इस बीच राहत कार्यों को बेहतर करने एनडीआरएफ की टीम भी घटना स्थल पर भेजी गई। मुख्यमंत्री ने कहा है कि घटना का दोषी कोई हो, बचेगा नहीं, उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 05722227041 तथा 05722227042 जारी किए हैं।