अजय कुमार, लखनऊ
मायावती अपने सबसे बड़े ‘घर’ उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी हार के पश्चात बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी में बहुत कुछ बदल दिया है. लगता है डोर अब ‘बैक डोर’ से पार्टी की कमान संभालेंगी और उनके भाई आनंद कुमार और भतीजा आनंद आकाश फ्रंट में आकर बहन मायावती के सियासी अरमानों को पूरा करेंगे. इसकी शुरुआत हरियाणा से होती दिख रही है. इन दोनों नेताओं का हरियाणा में स्ट्राइक रेट अच्छा रहा तो बहन मायावती यूपी के लिए भी इनके ‘दरवाजे’ खोल सकती हैं .हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार और नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद की भी परीक्षा होगी। लंबे अरसे के बाद मायावती के भाई आनंद कुमार राजनीति में दोबारा सक्रिय हुए हैं, तो वहीं दूसरी ओर उनके बेटे आकाश आनंद ने भी लोकसभा चुनाव के बाद फिर से वापसी की है। सूत्रों की मानें तो बसपा अध्यक्ष मायावती ने कांशीराम के जमाने से चली आ रही इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और बसपा की दोस्ती को आगे बढ़ाने का जिम्मा दोनों को सौंपा है। यही वजह है कि इनेलो के साथ गठबंधन की औपचारिक घोषणा भी आनंद कुमार और आकाश आनंद की मौजूदगी में की गयी। हरियाणा चुनाव में बसपा के 37 प्रत्याशियों के चयन का जिम्मा भी उन्हें ही सौंपा गया है। विधानसभा चुनाव के प्रचार की शुरुआत के बाद मायावती की इनेलो नेताओं के साथ संयुक्त रैलियों का खाका तैयार करने का जिम्मा आकाश आनंद को दिया गया है। यदि आकाश की रणनीति को सफलता मिलती है तो यूपी में उनकी नई सियासी पारी का आगाज हो सकता है। बता दें कि हरियाणा में बसपा के संस्थापक कांशीराम की चौधरी देवीलाल से मित्रता रही है। पहले भी दोनों दल गठबंधन करके चुनाव लड़ चुके हैं। लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बसपा को हरियाणा चुनाव से खासी उम्मीदें हैं। जानकारों की मानें तो मायावती ने इसी वजह से आनंद कुमार और आकाश को हरियाणा चुनाव की कमान सौंपी है ताकि दोनों की सियासी जमीन को मजबूत किया जा सके