- नेपाल में पिछले 13 सालों में 22 विमान हादसे,विमान से यात्रा सुरक्षित नहीं
- विमान हादसों का देश बनता जा रहा है नेपाल?
- 1992 के काठमांडू प्लेन क्रैश में 167 लोगों की हुई थी मौत
- काठमांडू विमान हादसे के वाद की तस्वीर
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आज हुए विमान हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई। चालक दल के एक सदस्य को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है बताया जा रहा है कि अभी वह खतरे से बाहर नहीं है। साल 1992 के बाद सबसे खतरनाक प्लेन क्रैश में एक है पाकिस्तानी एअरलाइंस का A 300 विमान भी शामिल है। वहीं सितंबर 1992 में पाकिस्तान का एयरबस A300 विमान काठमांडू में क्रैश हुआ था। इस प्लेन में सवार सभी 167 लोगों की मौत हो गई थी।
नेपाल में प्लेन क्रैश का इतिहास
साल 2010 से देखें तो करीब 15 हादसे ऐसे हुए हैं जिनमें लोगों की मौत हुई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एविएशन सेफ्टी डेटाबेस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 30 सालों में नेपाल में 28 विमान हादसे हुए हैं। इनमें से 21 हादसे तो सिर्फ साल 2010 के बाद हुए हैं।
नेपाल में 2010 से प्लेन क्रैश की टाइमलाइन
- मई 2022- पिछले साल 29 मई को तारा एयर लाइंस का एक विमान क्रैश हुआ था। इस हादसे में विमान में सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी। वो प्लेन पोखरा से जोमसोम जा रहा था। पोखरा-जोमसोम रूट पर ये सातवां क्रैश था। इस हादसे में चार भारतीयों की भी मौत हुई थी।
- अप्रैल 2019- 14 अप्रैल 2019 को लुक्ला के तेन्जिंग हिलेरी एयरपोर्ट पर एक प्लेन पार्किंग में लगे हेलिकॉप्टर को टकराकर क्रैश कर गया। इस हादसे में को-पायलट सहित तीन लोगों की मौत हुई थी। उसी साल फरवरी में एक हेलिकॉप्टर भी क्रैश हुआ था। काठमांडू आ रहा ये हेलिकॉप्टर पहाड़ियों से टकरा गया था, जिसमें नेपाल के पर्यटन मंत्री रबींद्र अधिकारी समेत 7 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में यती एयरलाइन के चेयरमैन आंग शिरिंग शेरपा भी थे।
- मार्च 2018- 12 मार्च 2018 को काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर US-बांग्ला एयरलाइन का एक विमान क्रैश कर गया था। विमान में क्रू समेत कुल 71 लोग सवार थे। इनमें से 51 लोगों की मौत हुई थी। ये हादसा रनवे पर विमान के फिसलने के कारण हुआ था।
- फरवरी 2016- 24 फरवरी 2016 को पोखरा से जोमसोम जा रहा तारा एयर का विमान क्रैश हुआ था। इसमें 3 क्रू मेंबर और सभी 20 यात्रियों की मौत हो गई थी। इसके दो दिन बाद 26 फरवरी को एयर काष्ठमंडप का एक विमान क्रैश हुआ जिसमें दोनों क्रू मेंबर की जान चली गई। लेकिन एयरक्राफ्ट में सवार सभी 9 यात्री बच गए थे।
- फरवरी 2014- नेपाल एयरलाइन्स का एक विमान 16 फरवरी 2014 को अर्घाखांची जिले में क्रैश हो गया। इसमें विमान में सवार सभी 18 लोगों की मौत हो गई थी। प्लेन क्रैश की वजह खराब मौसम बताई गई थी।
- साल 2012- इस साल नेपाल में दो विमान हादसे हुए। पहली घटना 14 मई को हुई। अग्नि एयर का एक विमान जोमसोम एयरपोर्ट के पास क्रैश कर गया। इसमें कुल 15 लोगों की मौत हुई थी। विमान में क्रू मेंबर सहित कुल 18 लोग थे। यह हादसा पायलट के शार्प यू-टर्न लेने के कारण हुआ था जिसके कारण विमान नजदीक के पहाड़ से टकरा गया।
- 28 सितंबर 2012 को सीता एयर के एक विमान क्रैश में सभी 19 लोगों की मौत हो गई थी। ये विमान त्रिभुवन एयरपोर्ट से लुक्ला जाने वाला था। विमान में सात ब्रिटिश और पांच चीनी नागरिक सवार थे।
-
साल 2011- इस साल नेपाल में तीन विमान हादसे हुए
पहला हादसा 25 सितंबर को हुआ। बुद्धा एयर लाइंस का एक विमान काठमांडू एयरपोर्ट पहुंच रहा था लेकिन उसके पहले ही क्रैश हो गया। इसमें तीन क्रू सहित सभी 19 लोगों की मौत हुई थी। विमान में 10 भारतीय नागरिक भी थे। फिर अक्टूबर 2011 में नेपाली सेना का एक एंबुलेंस एयरक्राफ्ट क्रैश हुआ था। इसमें पायलट सहित सभी 6 लोगों की जान चली गई थी। एंबुलेंस विमान एक मरीज को लेकर नेपालगंज से काठमांडू जा रहा था। उसी साल नवंबर में भी तालचा एयरपोर्ट पर एक विमान क्रैश हुआ था। लेकिन इसमें सवार सभी 12 लोग बच गए थे।
साल 2010- 15 दिसंबर 2010 को तारा एयर का एक विमान पूर्वी नेपाल के हिस्से में क्रैश हुआ। हादसे में क्रू मेंबर सहित सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें ज्यादातर लोग भूटान के तीर्थयात्री थे। उसी साल 24 अगस्त को काठमांडू के नजदीक अग्नि एयर का एक विमान क्रैश हुआ। हादसे में चार अमेरिकी नागरिक सहित विमान में सवार 14 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा साल 2015 और 2013 में भी तीन विमान हादसे हुए। हालांकि इन हादसों में किसी की जान नहीं गई थी।
नेपाल में प्लेन क्रैश की वजह क्या?
नेपाल के अधिकतर इलाके पहाड़ी क्षेत्रों में आते हैं। इसलिए विमान उड़ाना मुश्किल हो जाता है। इन इलाकों में रनवे उस तरह का नहीं होता जैसा मैदानी इलाकों में होता है। कई रनवे आड़े-तिरछे होते हैं। इसलिए पायलट को टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए विशेष ट्रेनिंग की जरूरत होती है। नेपाल में एयरपोर्ट्स के रनवे को काफी मुश्किल माना जाता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लुक्ला के तेन्जिंग हिलेरी एयरपोर्ट को दुनिया का सबसे खतरनाक एयरपोर्ट माना जाता है। यहां सिंगल रनवे है जो नीचे की तरफ झुका हुआ है। इतना ही नहीं, रनवे के पास ही 600 मीटर गहरी खाई है।
पहाड़ों के मौसम भी कई बार हादसे की वजह बनती है. खराब होना यानी मौसम साफ होने के बावजूद अचानक धुंध भर जाना, ये कभी-कभी अप्रत्याशित होता है। सिविल एविएशन अथॉरिटी ऑफ नेपाल (CAAN) की 2019 में आई एयर सेफ्टी रिपोर्ट बताती है कि नेपाल में मुश्किल क्षेत्र होने के साथ मौसम की विविधता भी विमानों के संचालन में बड़ी चुनौती है। मौसम के कारण हुए हादसों में छोटे एयरक्राफ्ट की संख्या ज्यादा होती है।
इन सबके अलावा कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि बेहतर रेगुलेशन और विमानों के मेंटनेंस नहीं होने से भी हादसे हुए हैं। येती एयरलाइंस के विमान में ही कई बार उड़ान के दौरान इंजन बंद हो जाने की खबर आई है। साल 2013 में यूरोपीय संघ (EU) ने सुरक्षा को देखते हुए अपने एयर स्पेस में नेपाल की सभी एयरलाइन्स पर प्रतिबंध लगा लिया था। मार्च 2022 में काठमांडू पोस्ट में रिपोर्ट छपी थी कि नेपाल सरकार ने सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए कुछ भी नहीं किया, जिसके कारण EU एयरस्पेस का बैन अब भी जारी है। पोखरा में 15 जनवरी को जो हादसा हुआ है उसके पीछे “तकनीकी खराबी” को बताया गया था।
काठमांडू में आज 24 जुलाई को जो विमान हादसा हुआ है उसे भी तकनीकी रूप से ठीक नहीं बताया जा रहा है। अब जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। चालक दल का एक सदस्य गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं जहां उसका इलाज चल रहा है।