ए अहमद सौदागर
लखनऊ। पुलिस पर हत्यारों का नेटवर्क भारी पड़ रहा है। करीब आठ साल पहले मड़ियांव में दो महिलाओं की हत्या करने वाले बदमाशों से लेकर पिछले दिनों यानी सोमवार को सरोजनीनगर में दिनदहाड़े बुजुर्ग महिला सरला की हत्या तक की वारदात समेत तहजीब के शहर में कई ऐसी सनसनीखेज घटनाएं है जिनका पुलिस अब तक राजफाश नहीं कर सकी। राजधानी लखनऊ में लूट, हत्या व छेड़खानी की घटनाएं लगातार हो रही हैं। चार दिन पहले सरोजनीनगर क्षेत्र स्थित एलडीए कॉलोनी में रहने वाली 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला सरला काका को बेखौफ बदमाशों ने बेरहमी से कत्ल कर मौत की नींद सुला दिया था।
इस सनसनीखेज मामले में पुलिस नौकरानी रंजीता सहित अबतक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ भी की, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
एसीपी विनय द्विवेदी के मुताबिक आसपास में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर संदेह के घेरे में आए कई लोगों से पूछताछ की गई, लेकिन उनकी कोई भूमिका सामने नहीं आई। वहीं पुलिस नौकरानी के अलावा चार लोगों की भूमिका को अब भी संदिग्ध मान रही है लेकिन उसके हाथ कोई सुराग नहीं लग सका।
अधिकारियों के मुताबिक कुछ सूचीबद्ध इलाकाई बदमाशों के बारे में भी गहनता से छानबीन की जा रही है। अब दूसरी ओर लखनऊ पुलिस की कार्यशैली पर गौर करें तो वर्ष 2014 में गोसाईगंज थाना क्षेत्र स्थित गंजरिया फार्म के जंगल में दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन कातिल तो मिलना दूर शवों की अभी तक पहचान नहीं करा पाई।
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यही नहीं वर्ष 2015 में मड़ियांव थाना क्षेत्र के आईआईएम रोड स्थित घैला गांव के करीब दो महिलाओं की हत्या कर बदमाश सिर गायब कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने हत्यारों की खोज में जुटी, इस सनसनीखेज मामले में भी अभी तक नाकाम रही। न मिले कातिल और न ही शवों की हो सकी शिनाख्त। यह तो फिलहाल बानगी भर है और भी कई मामलों में पुलिस की नाकामी सामने आ चुकी है।