नेपाल के रास्ते भारत में चाइनीज लहसुन की बड़े पैमाने पर तस्करी, कई राज्यों में अवैध आपूर्ति का विरोध

  • चाइनीज लहसुन की इतने बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी के लिए आखिर जिम्मेदार कौन?
  • भारत में कम हो रही लहसुन के उत्पाद की कमी पूरी करने के चक्कर में तस्कर कर रहे कमाई

व्यापारी सवाल उठा रहे हैं कि तस्करी के जरिए चाइनीज लहसुन भारत कैसे आ रहा है। जबकि पिछले कई साल से भारत में चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज। भारत-नेपाल की समूची सीमा से के रास्तों से इन दिनों चाइनीज लहसुन की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा पर कस्टम विभाग ने चाइनीज लहसुन की एक बड़ी खेप पकड़ी है। जांच में पता चला कि चाइनीज लहसुन को भारत में खपाने के लिए लाया जा रहा था। जब्त किए गये लहसुन का लैब टेस्ट कराया गया तो सैंपल फेल हो गये और लहसुन में फंगस नामक रोग पाया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह लहसुन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इसके सेवन से गंभीर बीमारियां होने का खतरा है। लेकिन जानकारी के अभाव और सस्ता होने की वजह से लोग चाइनीज लहसुन खरीद लेते हैं।

इस साल भारत में लहसुन उत्पादक क्षेत्रों में बारिश और बाढ़ के चलते लहसुन की पैदावार कम हुई। हाल के वर्षों में देश में लहसुन उत्पादन घटा है। इसलिए लहसुन के दाम अधिक हैं। इसका फायदा उठाकर भारत में चाइनीज लहसुन को डंप किया जा रहा है। भारत-नेपाल सीमा पर आवाजाही आसान होने से चाइनीज लहसुन की भारत में बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है और यह देश की मंडियों में पहुंच रहा है।

भारतीय लहसुन का दाम जहां लगभग 300-400 रुपये प्रति किलो तक है वहीं, चाइनीज लहसुन 100-150 रुपये प्रति किलो बिकता है। पिछले एक महीने के दौरान नेपाल सीमा पर लगभग 16 सौ बोरी चाइनीज लहसुन पकड़ा जा चुका है। जब्त किए गये लहसुन की इतनी बड़ी मात्रा को नष्ट करना भी कस्टम विभाग के लिए चुनौती बन गया था क्योंकि इससे पूरे क्षेत्र में भयंकर दुर्गंध फैल जाती।

कुछ इसी तरह तस्करी में शामिल हैं लोग… भारत में मंडियों में धड़ल्ले से पहुंच रहा है चीन का लहसुन।

महराजगंज में कस्टम विभाग ने जब्त किए लहसुन को जमीन में दबा दिया था। लेकिन अधिकारियों के जाते ही लोगों ने मिट्टी खोदकर जमीन से लहसुन निकालना शुरू कर दिया था। चाइनीज लहसुन को लेकर मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात की मंडियों में काफी विरोध हो रहा है। मध्य प्रदेश के व्यापारियों ने विरोध दर्ज करते हुए मंडियों में एक दिन नीलामी बंद रखी। व्यापारी सवाल उठा रहे हैं कि तस्करी के जरिए चाइनीज लहसुन भारत कैसे आ रहा है। जबकि पिछले कई साल से भारत में चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज के सुरेश अग्रवाल कहते हैं कि सरकार को ध्यान देना चाहिए कि उसने जो बैन लगाया था उसके बाद भी चाइनीज लहसुन भारत की मंडियों में कैसे पहुंच रहा है।

गुजरात में भी प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन की अवैध आपूर्ति का विरोध हो रहा है। सौराष्ट्र के राजकोट, गोंडल और जामनगर की मंडियों में व्यापारियों ने चाइनीज लहसुन को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। गोंडल एपीएमसी के व्यापार संघ के अध्यक्ष योगेश कयाडा ने मीडिया से कहा कि हम उस अवैध तरीके के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे प्रतिबंध के बावजूद इतने बड़े पैमाने पर चाइनीज लहसुन भारत आ रहा है।

जल्दी में सारे कार्य निपटाने के लिए जेसीबी का इस्तेमाल कर रहे हैं लोग

इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लहसुन व्यापारियों ने नीलामी रोक दी। इस दौरान किसानों ने नारे लगाए और हाथ में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। लहसुन उत्पादक किसानों ने आरोप लगाया है कि जैसे ही लहसुन की मांग बढ़ी तो चाइनीज लहसुन लाने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों और व्यापारियों ने सरकार से प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन के बाजार में आने पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। किसानों का मानना है कि अगर इसी तरह चाइनीज लहसुन देश में आता रहा तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ेगा जिसके चलते किसानों के लहसुन के दाम नीचे गिर जाएंगे।

International

बड़ा फैसलाः खून-पानी साथ नहीं बह सकता, पाकिस्तान का पानी बंद

बिना आर-पार की लड़ाई नहीं खत्म हो सकता आतंकवाद 48 घंटे में वापस जाएं पाकिस्तानी, साथ रहना संभव नहीं नया लुक संवाददाता पहलगाम में कल हुए आतंकवादी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस हमले में 26 से अधिक लोगों की मौत […]

Read More
International

घुसपैठियों के लिए आसान लांचिंग पैड नेपाल बॉर्डर के मदरसे

संजय सक्सेना लखनऊ। पड़ोसी राज्य नेपाल, भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जाता है।वैसे तो नेपाल के भारत से हमेशा प्रगाण संबंध रहे हैं,लेकिन पिछले कुछ वर्षो में चीन की भी दखलंदाजी वहां बढ़ी है। चीन के कई प्रोजेक्ट नेपाल में चल रहे हैं। भौगालिक रूप से देखा जाये तो चीन और […]

Read More
International

12 हजार 500 साल बाद लौटा डायर वुल्फ विज्ञान की जीत या प्रकृति से खिलवाड़?

अजय कुमार अमेरिका की बायोटेक्नोलॉजी कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेस ने विज्ञान की दुनिया में ऐसा प्रयोग कर दिखाया है, जो अब तक सिर्फ कल्पना का विषय माना जाता था। कंपनी का दावा है कि उसने करीब 12,500 साल पहले विलुप्त हो चुकी डायर वुल्फ प्रजाति को वापस धरती पर लाने में सफलता हासिल कर ली है। […]

Read More