न्यूयॉर्क। वैश्विक शासन सुधार के तीन प्रमुख क्षेत्रों- संयुक्त राष्ट्र और उसके सहायक निकायों में सुधार, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार तथा बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर बुधवार को यहां जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) से इतर ब्राजील की अध्यक्षता में आयोजित यह दूसरी जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक थी। बैठक में ट्रोइका सदस्य के तौर पर बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि विश्व एक स्मार्ट, परस्पर जुड़े और बहुध्रुवीय क्षेत्र में विकसित हो गया है। यूएन की स्थापना के बाद से इसके सदस्यों की संख्या चार गुना बढ़ गई है, मगर फिर भी यह अतीत में अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम यह हुआ है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) अंतरराष्ट्रीय शांति एवं स्थिरता बनाए रखने में संघर्ष करती दिख रही है, जिससे उसकी प्रभावशीलता और विश्वसनीयता कम होती जा रही है।
बैठक के बाद विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए लिखा न्यूयॉर्क में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में ‘वैश्विक शासन सुधार’ विषय पर बात की। प्रतिनिधि, विश्वसनीय और प्रभावी बहुपक्षवाद सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुधारों की तात्कालिकता पर प्रकाश डाला। मजबूत, विस्तृत एवं प्रभावी अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल आर्किटेक्चर की अनिवार्यता पर जोर दिया। विकासशील देशों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एमडीबी में सुधार के लिए जी20 में भारत के प्रयासों के बारे में बात की। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली में संरक्षणवाद और बाजार-विकृत प्रथाओं की चुनौतियों को रेखांकित किया। नियम-आधारित, गैर-भेदभावपूर्ण और निष्पक्ष बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए डब्ल्यूटीओ के व्यापक सुधारों का आह्वान किया। बता दें कि भारत और कुछ अन्य देश लंबे समय से यूएन प्रणाली में सुधार की मांग कर रहे हैं। इससे पहले यहां सोमवार को जी-4 (भारत, जापान, जर्मनी, ब्राजील) के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की संभावनाओं पर चर्चा की थी।