चिनहट क्षेत्र में कारोबारी फरीद अनवर हत्याकांड का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। चिनहट में छह दिन पहले गला कसकर कारोबारी फरीद अनवर का कत्ल करने वालों तक पुलिस पहुंच नहीं पा रही है। दबिश के पहले ही संदेह के दायरे में आए हत्यारे ठिकाने बदल दे रहे हैं। एसीपी पूर्वी की क्राइम टीम और चिनहट पुलिस की संयुक्त टीमें अलग-अलग दिशाओं में डेरा डाले हुए है। पुलिस ने कातिलों की गर्दन तक पहुंचने के लिए छह दिनों में छह तरीके की योजनाएं तैयार की, लेकिन हत्यारों का कुछ सुराग नहीं लगा पाई। जिम्मेदार पुलिस अफसरों से जब भी इस बाबत बात हुई तो वही रटा-रटाया जवाब मिला कि प्रयास जारी है और जल्द ही हत्यारे सलाखों के पीछे होंगे।
सनद रहे कि इंदिरा नगर निवासी 43 वर्षीय फरीद अनवर का खून से लथपथ शव छह दिन पहले कठौता झील के पास सड़क किनारे पड़ा मिला था। पहले तो इस मामले में पुलिस कुछ बोलने को तैयार नहीं थी, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि फरीद अनवर की मौत बीमारी से नहीं बल्कि उनकी गला कसकर मौत की नींद सुलाया गया था।
जानकार बताते हैं कि इस मामले में पुलिस ने करीबियों से लेकर शक के दायरे में आए कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन पुख्ता सबूत नहीं मिल सका। जानकार सूत्र बताते हैं कि पुलिस का संदेह जिन लोगों पर गहरा रहा है वह शहर छोड़कर भाग चुके हैं। पुलिस की टीमें हत्यारों की तलाश में लखनऊ के अलावा आसपास के जिलों में डेरा डाले हुए है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस जिस ठिकाने को चिन्हित कर पहुंचती है, आरोपी वहां से निकल चुके होते हैं। फिलहाल पुलिस हत्यारों की तलाश में इधर-उधर भटक रही है। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि कुछ सुराग मिले हैं उसी आधार पर पुलिस की टीमें काम कर रही है।