लखनऊ। मुंबई शहर का एक ऐतिहासिक इंजीनियरिंग चमत्कार जल्द ही इतिहास के पन्नों में सिमट जाएगा। रेलवे ने 1888 में ब्रिटिश इंजीनियरिंग की तकनीक से बने बांद्रा-माहिम रेल लाइन पर स्थित स्क्रू पाइल ब्रिज को हटाने का फैसला लिया है। इस पुल को हटाने के लिए रेलवे जनवरी में 9.5 घंटे का ब्लॉक लेगी, जिससे लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित होंगी। मीठी नदी पर बना यह ब्रिज ब्रिटिश काल की एक अद्भुत इंजीनियरिंग संरचना है। इस पुल में इस्तेमाल किए गए स्क्रू पाइल (Helical Pile) एक अनोखी तकनीक थी, जिसमें लोहे की पेचदार नीव को गहराई में खोदा जाता था और उस पर पुल का ढांचा टिकाया जाता था। 2007 से पुल का कुछ हिस्सा धंस रहा था, लेकिन रेलवे परिचालन पर इसका कोई खतरा नहीं था। फिर भी सुरक्षा कारणों से रेलवे ने इसे हटाने का निर्णय लिया है।
स्क्रू पाइल एक ऐसी तकनीक है जिसमें लोहे की पेचदार नीव को गहराई में खोदा जाता है और उस पर भारी संरचनाएं टिकाई जाती हैं। ब्रिटिश काल में बॉम्बे और बड़ौदा रेलवे के कई पुल इसी तकनीक से बनाए गए थे। रेलवे जनवरी में 24-25 जनवरी और 25-26 जनवरी के बीच 9.5 घंटे का ब्लॉक लेगी। इस दौरान ब्रिज के करीब नौ मीटर के हिस्से को हटाया जाएगा और उसकी जगह पर नया गर्डर लगाया जाएगा। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सभी स्क्रू पाइल को हटाया जाएगा। इस ब्लॉक के दौरान दादर से अंधेरी तक सभी लोकल ट्रेन सेवाएं रद्द रहेंगी और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें भी प्रभावित होंगी। मुंबई का यह ऐतिहासिक स्क्रू पाइल ब्रिज भले ही इतिहास के पन्नों में सिमट जाए, लेकिन यह ब्रिटिश इंजीनियरिंग का एक शानदार उदाहरण हमेशा याद रहेगा। हालांकि, इस पुल को हटाने से रेल यातायात पर असर पड़ेगा, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह फैसला जरूरी है।