अलविदा 2024 : सरकारी आंकड़े में अपराध का ग्राफ घंटा, सालभर में हुई वारदातें खड़े कर रहे सवाल

  • हत्यारे रहे बे अंदाज, बाकी पर कसी लगाम
  • घटना को अंजाम देने में नये नये तरीके इस्तेमाल किए अपराधी

ए अहमद सौदागर

लखनऊ। राजधानी लखनऊ सहित यूपी के अलग-अलग जिलों में पिछले साल की अपेक्षा वर्ष 2024 में हत्याएं की घटनाओं में इजाफा रहा, जबकि लुटेरे व चोर उचक्कों का बोलबाला रहा। इस वर्ष अब तक सूबे में दो सौ से अधिक हत्याएं हुई, चोरी की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई, जबकि मारपीट व चोर उचक्कों का आतंक रहा। साल 2024 में जिले में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। पिछले साल के मुकाबले हत्या की घटनाए इस बार ज्यादा हुई है। साल समाप्त में होने में कुछ दिन और बाकी है। इसी बीच पुलिस के लिए सबसे अच्छी बात यह रही है कि ज्यादातर मामलों का पुलिस ने खुलासा कर दिया और आरोपी भी जेल भेजे हैं। हत्या की घटनाओं की बात की जाएं तो वर्ष 2022 में जितनी हत्याएं हुई थी। इससे ज्यादा हत्याए 2024 में हुई है। जिले में अचानक हत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस बार जनपदीय पुलिस हत्याओं के मामले रोकने में नाकाम रही। पिछले साल के मुकाबले हत्या की घटनाएं काफी बढ़ी है।

सात साल में 2017 अपराधी हुए सैकड़ों की संख्या में बदमाश हुए घायल, 17 पुलिसकर्मियों को गंवानी पड़ी जान

सरकारी आंकड़े पर गौर करें तो 20 मार्च 2017 से 28 दिसंबर 2024 तक यूपी में आतंक का पर्याय बने 217 खूंखार अपराधियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया, जबकि 7799 अपराधी पुलिस की गोली से घायल हुए। यही नहीं इन मुठभेड़ों में 17 पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि 1644 पुलिसकर्मी बदमाशों की गोली से जख्मी हुए ‌। बताया जा रहा है कि वर्ष 2017 वर्ष 2024 पुलिस ने गैंगस्टर के तहत अरबों की संपत्ति जब्त की, अपराधियों की 140 अरब से अधिक संपत्ति जब्त की, 7546 अपराधियों को पैरवी कर सजा दिलवाने में कामयाब रही।

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