- घटना के छह दिन बाद आईजी जेल ने की कार्यवाही
- आरोपी महिला डिप्टी जेलर की शिकायत से हुआ खुलासा
लखनऊ। बागपत जेल में दुष्कर्म के प्रयास की छह दिन पहले हुई घटना पर कारागार मुख्यालय हरकत में आया। आईजी जेल ने दुष्कर्म के आरोपी जेलर जितेंद्र कश्यप को निलंबित कर दिया है। उधर आईजी जेल को भेजे गए पत्र में पर पीड़ित महिला डिप्टी जेलर ने जेलर पर गंभीर आरोप लगाए है। इन आरोपों के चलते कारागार मुख्यालय ने आरोपी जेलर के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
विभाग के पुलिस महानिदेशक व महानिरीक्षक कारागार प्रशासन को भेजी गई शिकायत में पीड़ित महिला डिप्टी जेलर ने कहा है कि बागपत जिला जेल के अधीक्षक विष्णुकांत मिश्रा 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो गए। इनके सेवानिवृत होने पर इनका प्रभार जेल पर तैनात जेलर जितेंद्र कश्यप को सौंपा गया। एक जनवरी को सुबह से लेकर शाम तक सारे कर कुशलतापूर्वक करने के पश्चात जब प्रार्थनी जेलर के साथ महिला बैरेक से वापस आई और जेलर साहब से अपने आवास पर जाने की अनुमति मांगी तो उन्होंने कहा कि थोड़ी देर से चलते हां, थोड़ा सा काम है और मुझे अपने ऑफिस में आने के लिए बोला, जहां प्रार्थनी और जेलर साहब के अलावा हेड चीफ राम गोपाल और जेल वार्डर अजय यादव मौजूद थे। एक अन्य वार्डर रोहित भारती गेट के सामने खड़ा था। जेलर के ऑफिस के दरवाजे में कांच लगा है जिससे आर पार देखा जा सकता है।
सिपाहियों से एक दो मिनट बात करने के बाद जेलर ने चीफ को इशारा जिससे वह बाकी सिपाहियों को लेकर वहां से चला गया। बाद में जेलर ने अपने नंबरदार मौसम से गिलास में मेरे लिए पानी मंगाया हालांकि मुझे पानी नहीं चाहिए था न मैने बोला था और मौसम से बोला कि मुझे मैडम से कुछ बात करनी है तुम पर्दा डाल दो और बाहर रहो जब तक मैं न बुलाऊं अन्दर कोई नहीं आएगा। इस बात का मैने विरोध किया और उसको रोकने की कोशिश के ऑफिस में लगी घंटी बजाने की कोशिश की तो जेलर ने मुझसे घंटी और मेरा मोबाइल फोन छीन लिया। तब मुझे और ज्यादा अजीब लगने लगा। मैं दरवाजे की तरफ भागी तो जेलर ने जल्दी से मुझे रोका और मुंह बंद करके मुझे घसीटते हुए अपने ऑफिस में बने बाथरूम में ले गए और मेरे साथ अश्लील हरकते करने लगे। मैं चीखने लगी तो मेरा गला दबा दिया।
जिससे मैं नीचे बैठती चली गई और वह मेरे साथ बदतमीजी करता गया। मैं बाथरूम में गिर गई तब भी वह मेरे शरीर के साथ अश्लील हरकते करता रहा। अश्लील हरकतों का विरोध करने पर उसने मेरी जमकर पिटाई भी की। पत्र में कई ऐसी बातें लिखी गई हैं जिनको सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा। पत्र मिलने के बाद हरकते में आए कारागार मुख्यालय के डीजी पुलिस/आईजी जेल पीवी रामाशास्त्री ने घटना के छह दिन बाद ही सही दुष्कर्म के आरोपी जेलर जितेंद्र कश्यप को निलंबित कर दिया। घटना की जानकारी होने के आरोप जेलर को मुख्यालय से संबद्ध किया गया था।