- करीबी या फिर गैर, तलाश शुरू
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। मेरठ जिले के लिसाड़ी गेट स्थित सुहैल गार्डन कालोनी निवासी मोईन सहित पांच लोगों की हुई हत्या में अफसर यह मानकर चल रहे हैं कि इस पूरी प्लानिंग में किसी करीबी का तंत्र जरूर शामिल है। भेदी की मदद के बिना घर के भीतर कोई गैर दाखिल हो ही नहीं सकता। इस भेदी की खोज में पुलिस प्रशासन जुट गया है। नाम का खुलासा होते ही कानूनी कार्रवाई होगी और कातिल सलाखों के पीछे होगें।
गुरुवार को मेरठ जिले के लिसाड़ी गेट स्थित सुहैल गार्डन कालोनी में किराए का मकान लेकर रहने वाले मिस्त्री मोईन अपनी पत्नी असमा, आठ वर्षीय बेटी अफसा, चार वर्षीय अजीजा और एक वर्षीय अदीबा के साथ रहते थे। बताया जा रहा है कि मोईन बेफिक्र होकर परिवार के साथ जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यहां रहना किसी को खटक रहा है।
पति-पत्नी और तीन मासूम बेटियों की हत्या किए जाने के बाद पुलिस के आलाधिकारियों को जवाब देना भारी पड़ रहा है। यह घटना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण है इस लिए है कि बेखौफ बदमाशों ने एक साथ पूरे परिवार को बेरहमी से कत्ल कर दिया।
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जिस तरह से हत्यारों ने मासूम बच्चियों की जान ली, इससे यही लग रहा है कि इस वारदात को अंजाम देने वाले कोई करीबी हैं जो मोईन को अच्छी तरह से जानता है क्योंकि घटनास्थल साफ बयां कर रहा कि कातिल आजाद होकर घटना को अंजाम दिया।
सबसे अहम सवाल है कि कातिलों ने एक साल की मासूम अदीबा की जान क्यों ली। इससे यही लग रहा है कि कहीं न कहीं इस हत्याकांड में खून का रिश्ता जरूर शामिल है ॽ जांच-पड़ताल में जुटे एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि इससे नकारा नहीं जा सकता, लिहाजा कातिलों की खोज में पुलिस की टीमें कई बिंदुओं पर गहनता से पड़ताल कर रही है।