- पुलिस का सहयोग नहीं करने के लिए अटैच किए गए अधीक्षक!
- आईजी जेल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डिप्टी जेलर बैठाना तो सिर्फ बहाना
- कारागार मुख्यालय से संबद्ध किए गए जेल अधीक्षक
लखनऊ। आईजी जेल की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डिप्टी जेलर का बैठना तो सिर्फ एक बहाना है। जौनपुर जेल के अधीक्षक को पुलिस का सहयोग नहीं करने के लिए कारागार मुख्यालय से संबद्ध किया है। यह मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। चर्चा है कि पुलिस का हुकुम नहीं मानने की वजह से जौनपुर जेल अधीक्षक पर सजा के तौर पर यह कार्यवाही की गई है।
बीते शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार ने प्रदेश के समस्त जेल अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की थी। इस बैठक जौनपुर के जेल अधीक्षक ने जिलाधिकारी के यहां आहरण वितरण (डीडीओ) अधिकारियों के साथ बैठक होने को वजह से प्रभारी जेलर को बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया था। बैठक में डिप्टी जेलर को देखकर आईजी जेल भड़क गए और जेल अधीक्षक को आनन फानन में हटाकर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। पड़ताल में यह मामला कुछ अलग ही नजर आया है।
सूत्रों का कहना है कि जौनपुर जनपद में हाल ही में एक नए पुलिस अधिकारी ने प्रभार संभाला है। इस पुलिस अधिकारी ने जेल अधीक्षक से प्रतिदिन आने वाली बंदियों की मुलाकात और रिहा होने वाले बंदियों के साथ बंदियों को लेने आने व्यक्तियों का प्रतिदिन ब्यौरा देने की बात कही। सूत्रों का कहना है कि जेल अधीक्षक ने कुछ बातों पर तो सहमति दी लेकिन अन्य ब्यौरे के जेल के बाहर बनी पुलिस चौकी की मदद लेने को सलाह दे डाली। पुलिस अधिकारी को जेल अधीक्षक की यह बात रास नहीं आई। उन्होंने अधीक्षक की सहयोग नहीं करने की शिकायत आईजी जेल से कर दी। आईजी जेल ने पुलिस का सहयोग नहीं करने वाले अधीक्षक पर कार्यवाही करते हुए उन्हें मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। उधर संबंध में जब आईजी जेल पीवी रामाशास्त्री से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनका फोन नहीं उठा।