- शानो-शौकत की चाह में नई उम्र के लड़के बन रहे लुटेरे
- मां-बाप के सपनों की दुश्मन बनीं बच्चों की भटकती राहें
- सिलसिलेवार हुई गिरफ्तारियों से सच आया सामने
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। बच्चों पर ही माता-पिता की उम्मीदें टिकी होती है। उनका करियर संवारने में वे जीवन भर की गाढ़ी कमाई लगा देते हैं, लेकिन उनकी भटकती राहें सपनों की दुश्मन बन जाती हैं। राजधानी लखनऊ में लूट की कुछ घटनाओं के राजफाश के बाद कुछ नई उम्र वाले युवकों की शक्ल लुटेरों के रूप में उभरी तो पुलिस वाले भी हैरत में रह गए। हाईटेक जीवन शैली और सुख-सुविधा की चाह में इन लड़कों का करियर गुनाहों के दलदल में फंस गई। यकीन नहीं होता कि जिनके हुनर को मुकाम हासिल होने से समाज में बदलाव की बयार बहती है वही अपराध की अंधेरी गलियों में गुमराह हो गए हैं।
मंगलवार को चिनहट पुलिस के हत्थे चढ़े तीन नई उम्र वाले लड़के तीरथ राम यादव, जीतू यादव और योगेश सिंह की उम्र 23, 36 व 22 वर्षीय है, जिन्होंने अपनी शौक पूरे करने के लिए स्टैंड संचालक के घर में घुसकर फायरिंग कर लूटपाट करने के साथ ही अगवा भी कर लिया। महंगे खर्च के चलते इन लोगों ने मां-बाप की उम्मीदों को तोड़कर गुनाहों की राह पकड़ ली। यह तो महज बानगी भर है इससे पहले भी कई ऐसे युवा पुलिस के हत्थे चढ़ चुकें हैं जो सरेराह और सरे शाम घटनाओं को अंजाम दिया किसी ने गोलियों की बौछार कर किसी को मौत की नींद सुलाया तो किसी ने लूटपाट कर अपराध के दलदल में चला गया।