- हरि नाम कीर्तन के साथ हुई कार्यक्रम की शुरुआत
लखनऊ। डीएवी कॉलेज परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत के अंतिम दिन शनिवार को पुण्डरीक गोस्वामी महाराज के मुख से अमृतवाणी से श्रीमद्भागवत कथा की वर्षा हुई। गोस्वामी जी ने बताया कि जीवन का परम लक्ष्य है कि थोड़ा नियम बनाकर संकीर्तन करें राधा रमण राधा रमण राधा रमण बोल जिस देश में जिस देश में प्रवेश करें उसमें रहूं राधा रमण राधा रमण राधा रमण कहूं में रेवक महाराज की एक लड़की थी जिसका नाम रेवती था अपनी कन्या का विवाह ढूंढने के लिए ब्रह्मलोक में ब्रह्मा के पास पहुंचे और ब्रह्मा जी से पूछा कि कन्या का विवाह हमें करना है ब्रह्मा जी ने सुझाव दिया कि आप बलराम जी के साथ कर दें फिर बलराम और रेवती जी की विवाह की विस्तृत वर्णन कथा के रूप में सुनाया पांडव युधिष्ठिर अर्जुन की कथा कही।
सुभद्रा अर्जुन का विवाह की कथा सुनाई जिसमें भक्तों के मन भाव भिभोर हो उठा विदाई के प्रसंग में सभी के आँखों में आँसू आ गये। जगन्नाथ जी और सुदामा जी का प्रशंग को सुनाया जिस पर भक्त भाव भिभोर होकर आंशु झलक उठे। मार्कण्डेय जी की अन्तिम पंक्ति सुनते हिये श्रीमद भागवत को विश्राम दिया गया। महराज जी ने शुक देव के रूप में शहर से लगाये गए तोते को पिंजड़े में मुक्त किया कथा सेवा में लगे सभी सिविल डिफ़ेंस के वार्डेन को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात आरती हुई एवं प्रसाद वितरण किया गया भंडारा भी किया गया। आयोजक अमरनाथ मिश्र, लोकेश अग्रवाल, मनोज राय, सुनील मिश्रा, मनोज अग्रवाल हरीश चंद्र अग्रवाल के साथ हजारों राधा रमन भक्त उपस्थित रहे।
कथा में मुस्लिमों का रहा बड़ा सहयोग
महराज जी की कथा में मुस्लिमों का खासा सहयोग रहा। महाराज जी ने इन्हें आशीर्वाद और धन्यवाद देते हुए कहा यह लखनऊ गंगा जामुनी तहज़ीब के लिए जानी जाती है। कथा में माजिद अली खान,नफीस अहमद ,शाजिया सिद्दीकी, मोहम्मद शफीक, सज्जाद अली ,वारिस अली खान ,जावेद जैदी ,इसरार अहमद, मोहम्मद कासिम ,अब्दुल सबूर, सैयद अहमद ,हैदर रजा ,फारूक अली, दिलशाद अहमद, खालिद खान,खलीक ,किशवर जहा, फैसल मुजीब ,मोहम्मद सिद्दीक, मोहम्मद उरूज ,अब्दुल मोइद, मोहम्मद हबीब अंसारी ,मोहम्मद अहमद,नेहा सिद्दीकी, मोहम्मद हनीफ ,अयाजुद्दीन सिद्दीकी ने
कथा के सात दिन सिविल डिफेन्स का विशेष योगदान रहा।