प्रपोज डे के दिन पब्लिक ने नकारा, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल पर भारी पड़ा शनि?

शाश्वत तिवारी

अरविंद जब 2013 में जीते तो रविवार का दिन था। 2015 में मंगलवार के दिन आप को जीत मिली थी। 2020 में भी अरविंद जब जीते, उस दिन मंगलवार था। 2022 में पंजाब में जब आप को जीत मिली उस दिन गुरुवार का दिन था। वहीं इस बार जब अरविंद हारे हैं, तो दिन शनिवार का है। दिल्ली की सियासी लड़ाई हारने वाले अरविंद केजरीवाल पर क्या शनि भारी पड़ गया? यह सवाल दो वजहों से उठ रहा है। पहला, पिछले 12 साल में पहली बार दिल्ली का चुनाव परिणाम शनिवार के दिन आया है। चर्चा की दूसरी वजह आप का सियासी परफॉर्म है। केजरीवाल की पार्टी को जब भी किसी चुनाव में जीत मिली, वो शनिवार का दिन नहीं था।

दिलचस्प बात है कि अरविंद केजरीवाल के लिए हर बार का वैलेंटाइन वीक लकी साबित होता रहा है, लेकिन इस बार जनता ने प्रपोज डे के दिन ही नकार दिया है। इधर, हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपना बयान जारी किया है। केजरीवाल ने कहा है कि हार की समीक्षा करेंगे। जनता का फैसला स्वीकार करते हैं। हम सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आए थे।

केजरीवाल पर शनि पड़ गया भारी?

दिल्ली में जहां एक तरफ अरविंद केजरीवाल खुद हार गए हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी को भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। अरविंद के साथ-साथ मनीष सिसोदिया, सोमनाथ भारती जैसे दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए हैं। यही वजह है कि केजरीवाल की हार को लेकर शनि ग्रह ज्यादा चर्चा में है। अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को अपनी पार्टी की स्थापना की थी। जिस दिन आप की स्थापना हुई थी, वो दिन सोमवार का था। पार्टी की स्थापना के 13 महीने बाद दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अरविंद की पार्टी ने करिश्मा कर दिया। उनकी पार्टी पहली बार दिल्ली की 70 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की। दिल्ली में 2013 का चुनाव परिणाम 8 दिसंबर 2013 को आया था। उस दिन रविवार था और आप को बंपर जीत मिली थी। इस जीत के बाद अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। केजरीवाल इसके बाद करीब 10 साल तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे।

केजरीवाल ने 2014 के शुरुआत में इस्तीफा दे दिया। मुद्दा जन लोकपाल का था। इसके बाद फरवरी 2015 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव कराए गए। केजरीवाल की पार्टी ने इस चुनाव में 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की। जिस दिन केजरीवाल की पार्टी को जीत मिली, उस दिन मंगलवार था।

2020 में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने फिर से जीत हासिल कर ली। इस चुनाव में अरविंद की पार्टी ने 62 सीटों पर जीत हासिल की। 2020 में 11 फरवरी को चुनावी नतीजे आए थे। उस दिन मंगलवार था।

2022 के मार्च महीने में पंजाब का परिणाम आया था। 10 मार्च को जिस दिन पंजाब में आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी, उस दिन गुरुवार था। आप ने पंजाब में बड़ी जीत हासिल की थी। दिल्ली के बाद पंजाब दूसरा राज्य था, जहां आप को जीत मिली थी।

2022 के दिसंबर में दिल्ली नगर निगम के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को जीत मिली। आप को पहली बार दिल्ली एमसीडी के चुनाव में जीत मिली थी। एमसीडी के चुनाव में जिस दिन अरविंद केजरीवाल की पार्टी को जीत मिली थी, उस दिन बुधवार था।

आम आदमी पार्टी जब से अस्तित्व में आई है, तब से एक भी बार ऐसा नहीं हुआ है, जब शनिवार के दिन विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हों। यह पहली बार है, जब शनिवार के दिन चुनाव परिणाम जारी हुए हैं। दिलचस्प बात है कि पहली बार आप का परफॉर्मेंस सबसे खराब देखने को मिल रहा है।

आप को सबसे कम सीटों पर जीत

2013 में आम आदमी पार्टी को 28, 2015 में 67 और 2020 में 62 सीटों पर जीत मिली थी। इस बार आम आदमी पार्टी 25 के आंकड़ों को भी पार नहीं कर पा रही है। आम आदमी पार्टी के बड़े-बड़े नेता चुनाव में बेदम हो गए हैं।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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