Analysis
जौनपुरः BJP के लिए सबसे कठिन डगर, यहां से पं. दीनदयाल उपाध्याय भी चुनाव गए थे हार
आजादी के बाद पहली बार जौनपुर से चुनाव से गायब रहेगा कांग्रेस का ‘हाथ’, छह बार जीत चुकी है कांग्रेस चार बार जौनपुर से जीत पाने वाली BJP का प्रत्याशी अकेले मैदान में, मछलीशहर अभी घोषित नहीं विपक्ष ने नहीं खोला है पत्ता, SP के साथ-साथ BSP ने भी नहीं उतारा है अपना प्रत्याशी, चर्चाएं […]
Read Moreबुलंदशहर लोकसभाः फिर खिलेगा कमल या होगा बड़ा बदलाव
राष्ट्रीय राजधानी से सटे इस इलाके में मोदी की लहर तो खूब दिख रही है, लेकिन जनता कभी भी कुछ भी कर सकती हैं… बुलंदशहरः यहां चलेगा मोदी मैजिक या फिर गठबंधन होगा विजयी, बड़े सवाल का जवाब खोजती नया लुक की यह स्टोरी राजेश श्रीवास्तव लखनऊ। राजधानी दिल्ली से महज 64 किलोमीटर दूर बुलंदशहर […]
Read Moreदो टूकः 400 पार का दावा, फिर भी गठबंधन पर फोकस, BJP की कमजोरी या खेल
विपक्षियों को बैकफुट पर लाने और प्रत्याशी के बजाय मोदी के नाम पर वोट लेने की होड़ अब सांसद खुद के नाम पर भी नहीं मांग पाते वोट, आएगा मोदी ही कह रही है जनता राजेश श्रीवास्तव लखनऊ। अभी पिछले पांच दिनों से में गौतमबुद्धनगर, वाराणसी, और गाजियाबाद के चुनावी मिजाज को समझने निकला तो […]
Read Moreचुनाव है भाई चुनाव, यहीं लोग तो चकल्लस सजाते हैं
- Nayalook
- April 4, 2024
- #Modi Govt
- K. Padmarajan
- Tamil Nadu
के. विक्रम राव वर्षा का मौसम आए तो दादर न टर्राए ? ठीक ऐसे ही कतिपय प्रत्याशी भी ऐन चुनाव के वक्त ही उपजते हैं। गंभीर और कड़वाहटभरी राजनीति में मधु-हास्य का पुट डालते हैं। ठीक ऐसी ही खबर आई है तमिलनाडु के शहर मेट्टूर से जो कावेरी नदी पर बांध के लिए मशहूर है। […]
Read Moreमहिला मतदाता निर्णायक भूमिका : मोदी और महिला सशक्तिकरण
डॉ. सौरभ मालवीय साल 2024 लोकसभा चुनाव सिर पर है। इस बार भी चुनाव में महिला मतदाता निर्णायक भूमिका में रहेंगी। इसलिए भारतीय जनता पार्टी विकास के मुद्दे के साथ- साथ महिला सशक्तिकरण को लेकर चुनाव प्रचार कर रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूर्ण आशा है कि उसे महिलाओं का भरपूर सहयोग प्राप्त […]
Read More2024 का धर्मयुद्ध : केवल एक चुनाव नहीं, राष्ट्र धर्म की स्थापना का सनातन यज्ञ भी है,
हमें केवल सक्षम नेतृत्व चुनना है, धर्म स्वतः स्थापित हो जाएगा संजय तिवारी लोकसभा 2024 का चुनाव वस्तुतः एक धर्मयुद्ध है। इसको बहुत संजीदगी से सभी को लड़ना ही होगा। राजनीतिक जय पराजय अपनी जगह है किंतु देश को जीतना चाहिए। राष्ट्र विजयी हो, ऐसा संकल्प होना चाहिए। इसके लिए प्रतिज्ञा की नहीं केवल संकल्प […]
Read MoreSpecial on 63rd death Anniversary : कलम ही जिनकी तलवार थी! संपादकाचार्य श्रीके रामा राव.
(9 नवम्बर 1896 – 9 मार्च 1961) प्रख्यात संपादक, जानेमाने स्वाधीनता-सेनानी और प्रथम संसद (राज्य सभा) के सदस्य (1952), श्री कोटमराजू रामा राव अपने दौर के अकेले ऐसे पत्रकार थे जो 25 से अधिक दैनिक समाचार पत्रों में कार्यशील रहे। इनमें अविभाजित भारत के लाहौर से प्रकाशित (लाला लाजपत राय का) दि पीपुल (1936), कराची […]
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