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सांसदों के निष्कासन से रोष था! सांसद की मिमिक्री से उड़ गया!!

के. विक्रम राव तृणमूल कांग्रेस के 66-वर्षीय नेता कल्याण बनर्जी विगत पंद्रह वर्षों से लोकसभा सदस्य हैं। मगर इतनी चर्चा में कभी नहीं आए जितनी परसों (18 दिसंबर 2023) संसद के बरामदे पर उनकी जोकरी से। मसखरेपन से। उन्होंने 72-वर्षीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की। नकल उतार कर। बरामदे में जमा निष्कासित सांसदों की […]

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युग चक्रवर्ती नरेंद्र मोदी

वेद कहते हैं, राजा यदि सात्विक है तो राष्ट्र को वैभवशाली बन जाने में कोई बाधा ही नहीं है। श्रीराम चरित मानस के उत्तर काण्ड में यही धारणा गोस्वामी तुलसीदास जी स्थापित करते हैं_ सात्विक श्रद्धा धेनु सुहाई। वेद का कथन और गोस्वामी जी की धारणा केवल लिखित या वाचिक शब्द नहीं हैं। ये प्रयोगोपरांत […]

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आखिर इंसाफ मिला हिंदू पक्ष को ! मथुरा और काशी में सर्वे!!

के. विक्रम राव  इस्लामी तंजीमों, खासकर सुन्नी वक्फ बोर्ड, शाही ईदगाह और ज्ञानवापी मस्जिद कमेटियों, को अब काशी और मथुरा में शैव तथा वैष्णव आस्था केन्द्रों को उनके असली भक्तों को सहर्ष सौंप देना चाहिए। कौमी एकजहती हेतु यह सबसे बेहतर होगा। भारत से अधिक दुनिया में कहीं भी मुसलमान इतने महफूज नहीं हैं। इसीलिए […]

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सदन यदि संयम खो दे तो ? संसद फिर दिशाहीन तो होगा ही !!

के. विक्रम राव  लोकसभा से बड़ी संख्या में सदस्यों के निष्कासन पर ब्रिटिश विचारक जान स्टुअर्ट मिल का कथन अनायास ही याद आता है। उन्होंने कहा था : “निन्यानबे लोगों को भी यह अधिकार नही है कि वे किसी एक असहमत व्यक्ति की अभिव्यक्ति का अधिकार छीन लें।” वर्तमान संदर्भ में सांसदों को सदन से […]

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योगी की भांति यादव ने भी तोड़ी प्रथा ! रात रहे महाकाल नगरी में!!

के. विक्रम राव  शायद भाजपायी राजनेताओं का ही भाग्य रहा कि दकियानुसी हिंदूवादी अवधारणाओं को समूल तोड़ें। वर्ना उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के सभी मुख्य मंत्रीजन, उनमें कई जनवादी, वामविचारक और समाजवादी हैं, इस फर्जी धार्मिक आशंका से ग्रसित रहे। मसलन लखनऊ में आदत थी कि जो मुख्यमंत्री नोएडा गया कि उसकी नौकरी गई। […]

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शिक्षा पर उपदेश न दें राजनेता ! पवार ने जाना, बेतुकी कहकर !!

के. विक्रम राव  राजनेताओं को शैक्षणिक विषयों पर तभी बोलना चाहिए जब वे स्वयं उच्च शिक्षा याफ़्ता हो। अर्थात कोई कम पढ़ा मंत्री ज्ञान की बाते करे तो वही होगा जो महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ विधान परिषद में गतसप्ताह हुआ। सदन में चर्चा हो रही थी कि डॉक्टरेट अनुसंधान (पीएचडी) हेतु उपलब्ध […]

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पुष्पा भाभी को व्यास सम्मान! स्व. धर्मवीर भारती याद आए!!

के. विक्रम राव  हर साहित्यप्रेमी बिड़ला फाउंडेशन का आभारी होगा कि उन्होंने विख्यात लेखिका पुष्पा भारती  को इस वर्ष के “व्यास सम्मान” से सम्मानित किया है। पुष्पा भारती (फोन नं. : 98208-50098) को यह सम्मान उनके सभी प्रशंसकों के लिए एक सुखद घटना है। कारण पुष्पाजी का अपना व्यक्तित्व है, निजी पहचान है। साहित्यकार के […]

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एक सदा यादगार त्रासद दास्तां! इन्दिरा गांधी की एमर्जेंसी-1975!!

समकालीन इतिहास की अत्यंत त्रासद घटना पर बनी कंगना रानौत की फिल्म “एमर्जेंसी” अब नूतन वर्ष में दिखाई जाएगी। गत माह की तारीख थी, स्थगित हो गई है। फिलहाल जब भी यह फिल्म दर्शकों के समक्ष पेश होगी, यह तयशुदा तौर पर तूफान लाएगी। कथानक ही इसका ऐसा है। चूंकि मैं स्वयं उस अंधेरे दौर […]

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दिल्ली में डॉ. ज्ञानेश्वर मुले की सकरात्मक आन्दोलन की गूँज  

 भारत के लोगों की निगाहें दिल्ली की और लगी रहती हैं और भारत की जनता यह चाहती है कि दिल्ली से कुछ अच्छी ख़बरें आएँगी। ऐसी ख़बरें जो केवल राजनितिक न हों अपितु कुछ ऐसा सन्देश देने वाली हों, जो हमारे समाज व राष्ट्र के लिए ऊर्जा का स्रोत बन जाए। ऐसी कोई वेब आने […]

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निधि वन में स्वामी हरिदास की गोद मे खेले प्रिया -प्रीतम

मार्गशीर्ष पंचमी को हुआ बांके बिहारी का प्राकट्य स्वामी हरिदास के जीवन का अनमोल दिन -हुए आराध्य के दर्शन भक्त के प्रेम में राधा कृष्ण हुए एक प्राण- एक विग्रह मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को स्वामी हरिदास जी के जीवन का अनमोल दिन था,वे रोज की तरह प्रात:भक्ति गीत गाने मे तन्मय थे इसी बीच उनकी […]

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