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इस्लामिस्टों से कब मुक्त होंगी कांग्रेस की विदेश नीति?

के. विक्रम राव छः दशक बीते। लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. जीएन धवन और प्रोफेसर पीएन मसालदान ने मुझे एम.ए. में पढ़ाया था कि हर गणराज्य की विदेश नीति सार्वभौम और स्वतंत्र होनी चाहिए। फिर “टाइम्स आफ इंडिया” में सात प्रदेशों में संवाददाता का काम करते मैंने पाया कि आंचलिक सियासी स्वार्थ […]

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स्थापना दिवस पर विशेष फीचर एनएचआरसी की उल्लेखनीय मानवीय सेवा की हो रही प्रशंसा

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की स्थापना 1993 में हुई। आयोग की स्थापना के बाद 30 वर्ष बीत गए हैं। 30 वर्षों का इतिहास बहुत ही स्वर्णिम और ऐतिहासिक रहा है। इसके पहले चेयरपर्सन न्यायमूर्ति  रंगनाथ मिश्र हुए और अब इसका नेतृत्व कर रहे हैं न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा। अपने इतने वर्षों के कार्य निष्पादन में आयोग […]

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वायुसेना दिवस: देश और एयरस्पेस को सुरक्षित रखने में सक्षम हमारी वायुसेना,

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता  भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे बड़ी वायुसेनाओं में से एक है। हर साल आठ अक्टूबर के दिन भारत वायुसेना दिवस मनाता है। पहली बार यूनाइटेड किंग्डम की रोयल एयरफोर्स की सपोर्टिंग एयरफोर्स के रूप में 1932 में भारतीय एयरफोर्स कार्यरत हुई थी। वर्तमान की बात करें तो गाजियाबाद में स्थित हिंडन […]

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ईरानी जेल में रहते नोबेल जीती मानवाधिकार योद्धा नरगिस,

के. विक्रम राव  नोबेल पुरस्कार विजेता नरगिस सफी-मोहम्मदी ने साबित कर दिया कि आत्मा अजर है। दो दशकों से वे तेहरान जेल में हैं। उस पर 150 कोड़े भी पड़े थे। तन्हा कोठरी की यातना के अलावा। अपने दोनों जुड़वा बच्चों को इस मां ने आठ बरसों से देखा नहीं। पिता के साथ पेरिस में […]

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कॉर्नवालिस की नीतियां चालू हैं, किसान शोषणमुक्त कब होगा?

के. विक्रम राव  यूरोप और अमेरिका में अफ्रीकी अश्वेतों को गुलाम बनाने की प्रथा से भी निकृष्टतम व्यवस्था रही जमींदारी। आजादी के तुरंत बाद राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अधिनियम पर हस्ताक्षर (24 जनवरी 1951) कर इस दो सौ साल पुरानी शोषक कानून खत्म तो कर दिया। पर किसान पूर्णतया मुक्त नहीं हुये। अर्थात बिचौलियों […]

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सर्वहारा या जातिवादी रईस! आरक्षण की दरकार किसे है?

के. विक्रम राव राहुल गांधी तब (मार्च 1971) मात्र नौ माह के शिशु थे। उनकी दादी इंदिरा गांधी पांचवीं लोकसभा का आम चुनाव लड़ रही थीं। यह देश में प्रथम मध्यवर्ती निर्वाचन था। इंदिरा-कांग्रेस का चुनावी नारा था : “न जात पर, न पात पर, इंदिराजी की बात पर। मुहर लगेगी हाथ पर।” इस सूत्र […]

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विश्व शिक्षक दिवस आज है, भारत में पांच सितम्बर को मनाया जाता है टीचर्स डे

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता दुनिया के कई देशों में पांच अक्टूबर को शिक्षकों की स्थिति को बेहतर बनाने और अपने क्षेत्रों में लगन से कार्य कर रहे शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए ‘विश्व शिक्षक दिवस’ आयोजित किया जाता है। हर साल पांच अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 1966 में विश्व शिक्षक […]

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पुण्यतिथि पर विशेष: वसूल और इरादे के पक्के थे स्व. हर्षवर्धन

पूर्वांचल के कद्दावर नेता पूर्व सांसद स्व.हर्षवर्धन भ्रष्टाचार और सरकारी जुल्म के खिलाफ बुलंद आवाज थे। महराजगंज जिले का जोगिया बारी गांव भ्रष्टाचार, सरकारी जुल्म और पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष की रणनीति का केंद्र था।मुलायम सिंह के बाद यदि कोई दूसरा”नेता जी”नामधारी था तो वह हर्षवर्धन थे। लखनऊ और पूर्वांचल में वे इसी नाम […]

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सपनों के सौदागर

जग नभ वाटिका रही है फल फूलि रे- तुलसीदास दिवास्वप्न मे बीत रहे रात और दिन गोस्वामी तुलसीदास ने छ: सौ साल पहले विनय पत्रिकामे लिखा..” जग नभ वाटिका रही है फल फूलि रे। धुंआ कैसे धौरिहरि देखि तू न भूलि रे।”.. विनय पत्रिका संसार ख्याली बगीचा है देखने मे बड़ा आकर्षक। पर यह ऐसे […]

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सरकारी रेपिस्ट, लुटेरे दंडित ! नन्हें गांव की महाविजय गाथा !!

के. विक्रम राव  दिया टकराये तूफान से ! न बुझे ? तो चमत्कार कहलाएगा। विस्मयजनक ! ठीक ऐसा ही हुआ (29 सितंबर 2023) गत सप्ताह। मद्रास हाईकोर्ट ने यही कर दिखाया। केवल 565 निर्धन अनुसूचित आदिवासी ग्रामीणजन तमिलनाडु के चार महाबली मुख्यमंत्रियों से 31 साल तक भिड़े। न्यायार्थ ! अंततः विजयी हुए। इन जुल्मी मुख्यमंत्री […]

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