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पत्रकार नहीं, आजादी के दीवाने हैं! इन शूरवीरों को लाल सलाम!!

के. विक्रम राव  यह शौर्य गाथा है दो संघर्षरत पत्रकारों की जो सत्ता से भिड़े। यातना भुगती। एक ऑस्ट्रेलियाई महिला आर्थिक टीवी एंकर हैं। नाम है चेंग ली। अभी बीजिंग (चीन) के जेल में कैद हैं। दूसरे हैं लातिन अमेरिकी (इक्वेडोर) गणराज्य के संपादक फर्नांडो विलाविंशियों। उन्हें गांजा तस्करों ने मार डाला। वे राष्ट्रपति के […]

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मुस्लिम बहुमत तो पाकिस्तान के खिलाफ था, यह नेहरू जानते थे!

फिर भारत क्यों विभाजित हुआ? के. विक्रम राव  आज (14 अगस्त 2023) भारत के विभाजनवाली विभीषिका की बरसी है। यह क्रूरतम और निकृष्टतम त्रासदी थी। चंद सिरफिरे मुसलमानों, जिनके बाप-दादा हिंदू थे, ने यह जघन्य साजिश रची थी। अतः सरदार वल्लभभाई पटेल का प्रश्न आज भी वाजिब है। तब (1945) पश्चिमोत्तर भारत के राष्ट्रवादी नेता […]

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कब बनेगा भारत आगेदेखू? विधवा अभिशप्त है आज भी!

के. विक्रम राव  एक विधवा तंगमणि को मंदिर प्रवेश के लिए मद्रास हाईकोर्ट का (4 अगस्त 2023) सहारा लेना पड़ा। पुरोहितों ने उस महिला को अभागिन करार देकर रास्ता रोक दिया था जबकि उसका दिवंगत पति भी उसी मंदिर का पुजारी था। क्या विडंबना है कि ठीक तभी भारत का चंद्रयान दूर चांद पर प्रवेश […]

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योगीजी की साफगोयी के बाद मुबाहिसा की गुंजाइश है नहीं!

के. विक्रम राव  योगी आदित्यनाथ जी ने मुल्लाओं से अनुरोध किया है कि ऐतिहासिक गलती को सुधारें। बात एक सप्ताह पुरानी हो गई है (31 जुलाई 2023)। मगर लगता है कि वे लोग अभी अपनी जिद और जज्बे से उबर नहीं पाए हैं। हठ पर अड़े हैं। ढाई सदी पूर्व एक स्कॉटिश कवि सर विलियम […]

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‘ज्ञानवापी’ हो सकती है 2024 की प्रयोगशाला?

डॉ. ओपी मिश्र भारतीय जनता पार्टी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेतृत्व को यह एहसास हो चुका है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में 2019 की पुनरावृत्ति किसी भी लिहाज से नही होने वाली है। यानि 2019 में भाजपा का 303 का जो स्कोर था वह 2024 में किसी भी लिहाज से वापस आने वाला […]

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कांची शंकराचार्य का पर्यावरण, शिक्षा, सीमा सुरक्षा पर ज़ोर!

के. विक्रम राव अपने पूर्व के 69 शंकराचार्यों की आस्थावाली परंपरा को व्यापक तथा विस्तीर्ण बनाते हुये, 70वें जगद्गुरु कांची-कामकोटि के पीठाधिपति शंकर विजयेंद्र सरस्वती ने कश्मीर घाटी में शांति से लेकर पूर्वोत्तर सीमांत क्षेत्र अरुणाचल की सुरक्षा पर स्फुट विचार व्यक्त किये। अमूमन धर्मगुरु के प्रवचन से तात्पर्य केवल आध्यात्मिक चर्चा से ही होता […]

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सजा टली है, राहुल दोषी रहेंगे! सूरत कोर्ट में पेशियां होंगी!!

के. विक्रम राव अब तक राहुल गांधी को तीन बार अदालत से फटकार पड़ चुकी है। पहली बार तो माफी मांग कर जान बचायी। प्रधानमंत्री को कह दिया था : “चौकीदार चोर है।” नरेंद्र मोदी अपने को राष्ट्र का पहरेदार कहते थे। तब सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल को प्रताड़ित किया था। उन्होंने तत्काल क्षमा याचना […]

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काम नहीं तो वेतन नहीं! सांसदों पर हो लागू !!

के. विक्रम राव  संसद की अम्मा कहलानेवाली ब्रिटिश हाउस ऑफ कामंस का यह नजारा है अप्रैल 1653 का। कहीं इसी का पुनरावर्तन भारत में न हो ? तब जनरल ओलिवर क्रामवेल अपने सैनिकों की संगीनों के बल पर लंदन में सदन को खाली करा दिया था। एक ही घोषणा उसकी थी : “बेईमानों, भागो। सत्पुरुषों […]

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कश्मीर में शियाओं को मिला न्याय ! मनोज सिन्हा के हाथों !!

के. विक्रम राव  श्रीनगर घाटी से आयी खबर आज (29 जुलाई 2023) दैनिकों में खूब शाया हुई। बड़ी भली और नीक लगी। तीन दशकों बाद अल्पसंख्यक शियाओं को उनका मौलिक अधिकार हासिल हुआ। ताजिया लेकर कश्मीर में शुक्रवार को 9वें मुहर्रम के अवसर पर कई जगहों पर मातमी जुलूस निकाले गए। बडगाम, मागाम, नारबल के […]

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पुर्तगाली यदि न लाते आलू तो! टिक्की, समोसा, चिप्स, लालू?

के. विक्रम राव  सर्वहारा की सब्जी, बिना रेशे का गूदेदार गांठवाला ? मतलब आलू ! आज के दिन (28 जुलाई 1586) वह भारत की यात्रा पर था, वाया यूरोप। लातिन अमेरिका (पेरु) से वह लंदन पहुंचा था। महान गणितज्ञ, नृजाति निष्णात और नाविक सर थॉमस हैरियट इसे लाए थे। पुर्तगाली उपनिवेशवादी उनसे लेकर केरल लाये। […]

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