Analysis
खुश्क खबर सरस हो जाती थी नवनीत मिश्र का कंठ छूकर!!
कभी एक लोकोक्ति सुनी थी : “जिसने लाहौर नहीं देखा, उसने कुछ भी नहीं देखा।” इसी को तनिक फिराकर पेश करूं : जिस चैनल पत्रकार ने रिटायर्ड समाचार-प्रस्तोता (दिसंबर 1987) नवनीत मिश्र (फोन : 9450000094) की नायाब कृति : “वाणी आकाशवाणी” नहीं पढ़ी, उसने सूचना का खजाना गंवा दिया। उन न्यूज एंकरों का लंगर ज्यादा […]
Read Moreनये शिक्षा सत्र का हम करें अभिनंदन
शिक्षण संस्थानों में नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हो चुका है। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में प्राय: नया शिक्षा सत्र अप्रैल महीने में आरंभ हो जाता है, किन्तु उच्च शिक्षा के संस्थानों में जुलाई से ही नये शिक्षा सत्र का प्रारंभ होता है। यदि देखा तो वास्तव में सभी शिक्षण संस्थानों में नया शिक्षा सत्र जुलाई […]
Read Moreयोगीजी ! पुलिस से कहें : व्यंग और कानून में फर्क तो समझें!!
के. विक्रम राव समाजवादी पार्टी फिर से लोहियावादी हो गई। व्यंग का राजनीतिक प्रचार हेतु इस्तेमाल करके। इतना राष्ट्रव्यापी मीडिया प्रचार यदि अखिलेश यादव सत्याग्रह में गिरफ्तार होते तब भी नहीं होता। यह घटना निहायत मामूली थी। कुछ दिन पूर्व अखिलेश का ट्वीट था कि टमाटर विक्रेता को जेड प्लस सुरक्षा दी जाय क्योंकि बढ़ते […]
Read Moreनेताजी ने ही सर्वप्रथम महात्मा गांधीजी को राष्ट्रपिता कहा था,
के. विक्रम राव करीब आठ दशक हुये। आज ही के दिन (6 जुलाई 1944) स्वतंत्र बर्मा की राजधानी रंगून (अब यांगून) से प्रसारित अपने उद्बोधन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” कहकर संबोधित किया था। तब दो माह पूर्व ही (14 अप्रैल 1944) आजाद हिंद फौज ने मोइरंग (मणिपुर) को ब्रिटिश साम्राज्यवाद […]
Read Moreकाफिर को मारो, 72 हूरें पाओ! फिल्म JNU में दिखाई गई!!
के. विक्रम राव आतंकी विषय-वस्तु पर एक नई फिल्म “बहत्तर हूरें” नई दिल्ली के जेएनयू (नेहरू विश्वविद्यालय) में कल (मंगलवार, 4 जुलाई 2023) स्क्रीन की गई। भारत सरकार के फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणित इसका संक्षिप्त ट्रेलर 28 जून को दर्शाया गया था। डिजिटल रिलीज भी हुआ। इसका कथानक कुछ दिग्भ्रमित युवजनों पर केंद्रित है, […]
Read Moreनस्लवाद पर फ्रांस में विद्रोह ! प्रधानमंत्री की यात्रा अधर में !!
के. विक्रम राव फ्रांस जल रहा है। सरकारी इमारतें धधक रही हैं। पुलिस पर जनाक्रोश इतना उभर पड़ा है कि हर सत्ता का प्रतीक हमले का लक्ष्य बन गया है। विडंबना यह है कि यह सब हो रहा है बैस्टिल दिवस (14 जुलाई) के ठीक दस दिन पूर्व। इसी दिन पर फ्रांस ने ढाई सदी […]
Read Moreमजहब के नाम पर पसमांदा मुसलमानों का शोषण बंद हो!
के. विक्रम राव भारत के अस्सी प्रतिशत मुसलमानों को अब कार्ल मार्क्स वाला वर्ग संघर्ष का सिद्धान्त बड़ा नीक लग रहा होगा। डेढ़ सदियों से वे सब अमीर-कुलीन मुसलमानों द्वारा शोषण के शिकार होते रहे हैं। बैरिस्टर मुहम्मद अली जिन्ना ने उनकी पिछली पीढ़ी को ठगा था। ऑल-इंडिया मुस्लिम लीग के नाम पर। जिन्ना खुद […]
Read Moreस्वर्णिम, मगर बिसराया पृष्ठ जंग में भारत की जीत का!
के. विक्रम राव आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान चिनहट (लखनऊ) में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की हार इसी दिन 166 वर्ष पूर्व (30 जून 1857) को समुचित महत्त्व कभी दिया नहीं जा सका। अनभिज्ञता रही, कोताही भी। इस कमी को दूर कर दिया विद्वान लेखक राजगोपाल सिंह वर्मा (मो. 9582502101) ने उनकी […]
Read Moreदेश और समाज की अवमानना है! द्रौपदी मुर्मू के साथ दुर्व्यवहार!!
के. विक्रम राव दिल्ली की हौज खास पुलिस को तत्काल वहां स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के पंडों पर कार्यवाही करनी चाहिए। अपराध है ईशनिन्द, राष्ट्रद्रोह, समता के संवैधानिक हक की अवमानना, जनजाति सम्मान का तिरस्कार करना, सामाजिक समरसता और सामंजस्य को हानि पहुंचाना, आमजन को विद्रोह हेतु भउकाना, अशोक चक्र का निरादर करना। इतनी हिमाकत […]
Read Moreफिर न आए कभी वैसी भयावह सुबह : 26 जून 1975 वाली!
के. विक्रम राव आज ही की वह स्याह सुबह थी, एक दम असगुनी। बृहस्पतिवार, 26 जून 1975, माह श्रावण की तृतीया। पखवाड़ा था कालिमाभरा कृष्णपक्ष वाला। बीती रात भी बिना चांदनी के ही थी। बड़ी गमगीन। उसके चंद घंटे पूर्व 70 साल के अलसाते बुड्ढे मियां फखरुद्दीन अली अहमद ने पाया कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी […]
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