Analysis

Analysis

विपक्षी एकता विपक्ष की आवश्यकता,

डॉ. ओपी मिश्र अमूमन इतिहास में अपने आप को दोहराता है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यदि विपक्षी पार्टियां एक होकर 1977 का इतिहास दोहराते हैं तो कोई नई बात नहीं है। पाठकों को याद होगा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब 1975 में आपातकाल लगाया था तो 1977 के चुनाव से पहले […]

Read More
Analysis

दलित समुदाय के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया डॉ. बीआर अम्बेडकर जयंती

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती मनाई जाती है। उनका जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था। साल 2015 में, इस दिन को पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया गया था। डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती क्यों मनाई जाती है? भारत […]

Read More
Analysis

हिंदुस्तान नहीं भुला सकेगा श्रीराम मंदिर निर्माण में गोरक्षपीठ के संघर्ष की दास्तान

गोरक्षपीठ की पांच पीढ़ियों ने लड़ी भगवान श्रीराम के अस्तित्व की लड़ाई गोरक्षपीठ के ब्रहम्मलीन महंत दिग्विजयनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि के लिए 1934 से 1949 तक किया संघर्ष आज भी गोरक्षपीठ की अगुवाई में बन रहा है भव्य श्रीराम मंदिर जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान रामल्ला की मूर्ति मूल स्थान पर करेंगे स्थापित […]

Read More
Analysis

कम्युनिस्ट आखिर बटे कैसे? निशाना कहां था? निगाहें कहीं और!!

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के विभाजन की हीरक जयंती अगले वर्ष होगी। टूटी थी 11 अप्रैल 1964, शनिवार के दिन। कल 59वीं वार्षिकी थी। गत दौर में राजनीतिज्ञ, इतिहासवेत्ता, समाजशास्त्री शोध करते रहे कि इसके कारण क्या थे ? निदान हुआ ? निवारण क्या संभव नहीं था ? एक सदी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय कांग्रेस की […]

Read More
Analysis

अरुणाचल अब शोकांतिका नही रहा!

  अलबत्ता तिब्बत तो त्रासदी है !! बड़ी याद आती है जवाहरलाल नेहरू की। भले ही आज न तो उनकी पुण्यतिथि है, न जयंती। फिर कवि प्रदीप की पंक्ति कौंध जाती है : “जरा आंख में भर लो पानी।” नेहरू ने भारत मां के नेत्रों को अश्रुपूरित कर दिया था, 20 अक्तूबर 1962 को। अब […]

Read More
Analysis

हिटलरी कमांडर कांपते थे उस यहूदी सार्जेंट के टाइपराइटर से!!

यह शोक-सूचना है, एक शौर्य दास्तां भी, उस अमेरिकी यहूदी वकील की जिसने दस लाख बेगुनाह नागरिकों की नृशंस हत्या के दोषी हिटलरी फौजियों को फांसी पर लटकवाया। न्याय दिलवाया। वकील बेंजामिन फ्रेंज की 103 वर्ष की आयु में गत शुक्रवार (7 अप्रैल 2023) फ्लोरिडा में मृत्यु हो गई। उनकी जिरह के परिणाम में जो […]

Read More
Analysis

19 वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिबा फुले आज़ भी प्रेरणास्रोत

मेनिका साकेत स्वतंत्र अध्येता  हैं। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (मध्य प्रदेश) समाज में सुधार के लिए हमेशा महान विभूतियों ने अनेकों कार्य किया है। 11 अप्रैल 1827 के दिन अवतरित हुए महान समाज सुधारक एवं शिक्षाविद ज्योतिबा फुले जी ने अपनी सदी के भेदभावपूर्ण जिस समाज को देखा- “जिसमें मानव को मानव नहीं दानव […]

Read More
Analysis

कब प्रौढ़ होंगे हमारे मीडियाकर्मी? बलूच बागी को अपना बिरादर मानें!!

आजादी के साढ़े सात दशक बाद भारतीय मीडिया आज भी अंग्रेजी औपनिवेशिक प्रवृत्ति से ग्रस्त है, गाफिल है। विदेश के समाचार-प्रकाशन में राष्ट्रीय भावना को अपने मन में बैठाने और पाठकों को समझाने में विफल रहा है। उदाहरण हैं आज (आठ अप्रैल 2023) के अखबार। मसलन बलूचिस्तान की खबर आई कि पाकिस्तान के नवउपनिवेशवाद के […]

Read More
Analysis

मुसल्लम ईमान पर फ़िदा, यही है मोदी की अदा…

  मुसलमान का मतलब होता है मुसल्लम ईमान। यानी जिसका ईमान पूरे का पूरा क़ायम रहे, जो चट्टान की तरह अटल रहे और शबनम की तरह पाक। यकीनन इसी के मद्देनज़र, योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति तारिक मंसूर को विधान परिषद सदस्य (MLC) के रूप […]

Read More
Analysis Central UP Purvanchal Raj Dharm UP Uttar Pradesh

प्रोत्साहन बंद होने से निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगा अंकुश

शिक्षा के लिए निजी स्कूल-कॉलेजों पर से सरकार को निर्भरता करनी होगी कम और बढ़ाना होगा शिक्षा का बजट शिक्षा तंत्र होगा मजबूत तो अभिभावक अपने बच्चों को भेजेंगे सरकारी स्कूलों में विदेशी विश्वविद्यालयों के आने से भारतीय विश्वविद्यालयों में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा लखनऊ। बच्चों की मंहगी हुई पढ़ाई-लिखाई के बोझ के तले आज के दौर […]

Read More