Litreture
नकल करने से अकल नहीं बढ़ती बल्कि आप पागल जरूर बन जाते हैं
एक पागलखाने में दो पागल करीब-करीब लगता था ठीक हो गये। तो हर वर्ष परीक्षण होता था। तो परीक्षा के लिए दोनों बुलाये गये। एक पागल भीतर गया, दूसरा बाहर बैठा रहा। उसने कहा कि जो कुछ भी उत्तर हो, तू लौटते में मुझे भी बता देना। आम आदमी संदिग्ध होता है और दूसरे से […]
Read Moreप्रेम का रंग चढ़ता चला गया
- Nayalook
- April 10, 2023
- #plays
- life
- Poetry
- tolerance
प्रेम का रंग चढ़ता चला गया, यूँ लगा कि दुनिया हमारी है, त्याग का यत्न जब सीखा तो ऐसा लगा कि जन्नत हमारी है। जीवन का साथ निभाता चला गया समस्यायें भी सुलझाता चला गया, दहशतगर्दी का शोक मनाया नहीं, बर्बादियों का दर्द भुलाता चला गया। जो कुछ मयस्सर हुआ उसको अपनी तक़दीर समझ लिया, […]
Read Moreकविता: “का वर्षा जब कृषि सुखाने”
- Nayalook
- April 10, 2023
- #get up
- Die
- Importance
- live
- time
- Wake Up
- World
समय का महत्व जानना है तो समाचार पत्र से पूछ लीजिये, जिसका प्रातः इंतज़ार होता है, शाम तक रद्दी के ढेर में जाता है। उठो, जागो, तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए, जीना, मरना समय का खेल है, खेल समझ ले वो आबाद होता है। दुनिया की किसी चीज़ की […]
Read Moreकविता : तभी दिख जाती हैं कठौती में गंगा
- Nayalook
- April 8, 2023
- #hangover
- Chess
- disease
- Player
शतरंज के खिलाड़ी हों या प्यादे, अच्छे लोग सदा ही सस्ते होते हैं, बस मीठा बोल बना लो अपना, यद्यपि वह लोग अनमोल होते हैं। शायद इसीलिए हम लोग उनकी कीमत बिलकुल नहीं समझते हैं, लेकिन यह भी सत्य है एक सरल व्यक्ति के साथ हम छल करते हैं। यही छल बल हमारी बर्बादी के […]
Read Moreकविता : प्रकृति का नियम
जिस तरह एक वृक्ष की प्रकृति होती है हमारी प्रकृति भी वैसी ही होनी चाहिए, हमें अपनी धरती पर रहकर वृक्ष की तरह, अपनी जड़ों के साथ ही जुड़े रहना चाहिए। जैसे वृक्ष में जब फल आते हैं तो उसकी डालें झुक जाती है, नई पत्तियों की तरह हमारी सोच भी विनम्र कोमल हो जाती […]
Read Moreकविता: आबाद बालटोली, नवगान माँगती हूँ
- Nayalook
- April 8, 2023
- #Abad Baltoli
- #Jhamjham
- #Kesarsuwas
- #Sagar
उपवनखिले सभी में मुस्कान माँगती हूँ, आबाद बालटोली,नवगान माँगती हूँ। सागर से पानी लेके गिरिराज को नहाए, उमड़घुमड़ के बादल चिरप्यास को बुझाए, बादल से आज झमझम नहान माँगती हूँ, आबाद बालटोली,नवगान माँगती हूँ। केसरसुवास लहरों पे झूमझूम आए, चन्दन की भीनी ख़ुशबू गिरिकन्यका रिझाए, चन्दनमहक से महका मकान माँगती हूँ, आबाद बालटोली, […]
Read Moreकविता : मनसा, वाचा, कर्मणा एक से होंय
बोया पेड़ बबूल तो आम कहाँ से होय मनसा, वाचा, कर्मणा एकै से न होंय, चुनाव में पैसा बहै, बाद वसूली होत, बदलो ऐसे तन्त्र को, इसमें तो है खोट। राजनीति अब भ्रष्ट, हैं बबूल से काँट, इन्हें जड़ से काटिये, काँटे दीजै छाँट, स्वेच्छा सेवा करे जो उसे दो अधिकार, भ्रष्टतन्त्र ये नष्ट हो,ऐसा […]
Read Moreश्री हनुमान जन्मोत्सव की बधाई
- Nayalook
- April 6, 2023
- #Jai Shree Rama
- #Pawan
- #Ram Anantnam
जय श्री रामा जय श्री रामा। पवनपुत्र जपते श्री हनुमाना॥ अज़र अमर अतुलित बल धामा, करिये सब प्रकार प्रभु पूरन कामा दिन रात जपे जय जय श्रीरामा, भजिये महाबीर रामभक्त हनुमाना। जय श्रीरामा… अष्ट सिद्धि नव निधि दाता तुम, अंजनिपुत्र पवनसुत भक्त हम, रूद्र अवतार तेज़ पुंज बलवाना दिन निशि भजते जो श्रीरामा। जय श्रीरामा…. […]
Read Moreअहंकार के जाने के बाद ही मन में प्रेम के भाव उपजते हैं: ओशो
- Nayalook
- April 5, 2023
- #hug
- ego
- love
- relationship
अहंकार और प्रेम एक साथ नहीं हो सकते। अहंकार भी अंधकार की भांति है। वह प्रेम की अनुपस्थिति है, वह प्रेम की एब्सेंस है। वह प्रेम की मौजूदगी नहीं है। हमारे भीतर प्रेम अनुपस्थित है इसलिए हमारे भीतर ‘मैं’ का स्वर, ‘मैं’ का स्वर बजता चला जाता है, बजता चला जाता है। और हम इस […]
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कविता : नो लाइफ विद आउट वाइफ
आज कल अमर्यादित टिप्पणी करने में हम बहुत तेज़ हो गये हैं, सारी मर्यादा जाने या अनजाने, ईर्ष्यावश हम सभी भूल गये हैं। सच है कि वाइफ इज लाइफ, नो लाइफ विद आउट वाइफ, व्हेन सम वन लेफ्ट हिज वाइफ, हाउ कुड ही सरवाइब इन लाइफ। कोई कहता, उस दल की विधवा, कोई माँगता है […]