Litreture
चार लघु कथाओं की समीक्षा
समीक्षक: डॉ ऋषिकुमार मणि त्रिपाठी लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ लघु कथा एक झलक लेखक सुरेश शुक्ल ‘शरद आलोक’ साग्न स्टूडेंट टाउन से मशहूर क्लब सेवेन शहर ओस्लो के मध्य रात ग्यारह बजे आगए। डिस्कोथेक के जीवंन्त संगीत आर्केस्ट्रा सभी नि:शुल्क प्रवेश मदिरा पीकर अनजान लड़कियो के बांहो मे बाहें डाले रात भर नाचते। मै […]
Read Moreजल की एक बूंद
जल की एक बूंद करती है सृजन रचती है विश्व को । जल की एक बूंद बनती वंश लोचन सीप मे मोती गजमुक्ता चमकाती आनन । जल की एक बूंद करती है प्राणदान बनती चरणामृत विष्णु पदनख की सुरसरिता पालती विश्व को। जल की एक बूंद ऋषियों का अस्त्र थी नयनो की भाषा बच्चों की […]
Read Moreनारायण जो हर पल रचते नई कहानी
है अनंत आकाश हमारा घर आंगन. मै चिडिया बन उड़ता रहा गगन में सब दिन| अपने तो मिल सके नहीं पूरे जीवन भर, मै सपने मे सबको अपना मान चुका था ||1|| टूट गया भ्रम जब देखी मैने सच्चाई यहां कागजी नावें चलती हर दरिया में | कश्ती कब पानी मे डूबी समझ न पाया, […]
Read Moreतुम्हीं बता दो मेरे ईश्वर
बड़ी कृपा है उस ईश्वर की। बीत गया यह भी दिन बेहतर। पिछला हफ्ता रहा सुखद ही। अगला दिन जाने कैसा हो? दुख सुख के अंतर्द्वद्वों मे। भारी कौन पड़े क्या कम हो? बतला पाना कठिन बंधुवर! प्रति दिन है भूगोल बदलता।। कौन गया है बचा कौन अब। उंगली पर नित नित मैं गिनता।। जो […]
Read Moreपुस्तक समीक्षा-संजना,उपन्यास
लेखक : सूर्य नारायण शुक्ल समीक्षक : बीकेमणित्रिपाठी एक भौतिक विज्ञान के अध्येता का उपन्यासकार होना आश्चर्यजनक है। इनके प्रकाशित चौथे उपन्यास ‘संजना’ को मैने पढ़ा,एक बारगी में पढ़ गया। पुस्तक के शीर्षक की सार्थकता प्रमाणित है,क्योकि समूचा उपन्यास ‘संजना’ नाम की पात्रा के ही इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में पाठको मे अगला वृत्तांत जानने […]
Read Moreअच्छाई व बुराई: एक सिक्के के दो पहलू
हमारी व्यवहार कुशलता जीवन का वह दर्पण है, इसका जितना अधिक सदुपयोग किया जाता है, जीवन का प्रकाश उतना ही बढ़ता है। किसी व्यक्ति का मूल्यांकन इससे तय नहीं होता कि वो क्या है, बल्कि इस तथ्य से तय होता है कि वह खुद को क्या बनाने की क्षमता रखता है। इंसान का स्वभाव उसकी […]
Read Moreराम लखन सिय सहित विराजति
प्राणिमात्र कर स्वारथ येहू, राम चरण पद पंकज नेहू। रामु सनेहु मन वचन कर्म से, राम भगति अतिशय विवेक से। नर तनु यहु पावन करि लेहू, रघुपति नाम सदा जपि लेहू। मोहि परम प्रिय हैं सिय रामू, यह तनु सौंपि दीन्ह तिन्ह नामू। तनु बिन भाव भजन नहिं होहीं, वेद पाठ श्रुति ज्ञान नहिं पाहीं। […]
Read Moreहर अंत की नई शुरुआत होती है,
- Nayalook
- January 16, 2024
- #God's grace
- God
- life
- purity
हर अंत की एक नई शुरुआत होती है, इतना क्यों सोचना जीवन के बारे में, ज़िंदगी देने वाले ने भी तो कुछ सोच रखा होगा नादान इंसान हमारे बारे में। मेहनत करके उसका फल मिलता है, मेहनत से समस्या का हल मिलता है, देर से ही सही, सदकर्मों का फल व प्रभूकृपा से सदा हर […]
Read Moreविश्व हिंदी दिवस पर : प्रणव गुंजार है हिंदी
- Nayalook
- January 10, 2024
- #hindusthan
- History
- love
- soul
- violence
हिंसा से जिसको दुख होता वह है हिंदुस्थान हमारा। और अहिंसा मे जो जीता ऐसा हिंदू नाम हमारा।। प्रेम भाव से विश्व बनाया वह सच्चिदानंद जग पावन। यहां बाल क्रीड़ा करते हैं बारंबार जन्म ले उन्मन।। कभी राम बन कर आता हैं, कभी कृष्ण बन खेल रचाता। गौएं चरा बजाता वंशी । हलधर हो बलराम […]
Read Moreचुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया-करिये पुनर्विचार
चार राज्य मे चुन लिए जनता ने सरकार। अन्य सभी धूमिल हुए फिर मोदी इस बार।। निज निज पार्टी लोग सब करिये पुनर्विचार। किन किन मुद्दों पर भला वोट पड़ी इस बार।।1। 2024 का होगया इस चुनाव मे ट्रेल। भाजपा के पक्ष में होगी रेलम रेल।। झूठ कहे या सच कहे कोई हो सरकार। धर्म […]
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