बॉम्बे टॉकीज

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बात फिल्म इंड्रिस्ट्री के पहले “एंटी-हीरो” अशोक कुमार की….

शाश्वत तिवारी कलकत्ता से वकालत पढ़े अशोक कुमार को फिल्में देखना बहुत पसंद था। वो क्लास के बाद वे अपने दोस्तों के साथ थियेटर चले जाते थे। तब आई हीरो के. एल. सहगल की दो फिल्मों से वे बहुत प्रभावित हुए – ‘पूरण भगत’ (1933) और ‘चंडीदास’ (1934)। वे तत्कालीन बंगाल में आने वाले भागलपुर […]

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