मां पर क्या लिखूं…
Analysis
मां के लिए एक दिन बस! अरे वो हर क्षण मेरी आत्मा में बसती है…
आत्मा को झंझोड़ देने के लिए काफी है साल में एक दिन ‘मदर्स डे’ मंजु शुक्ला मां यानी सृष्टि। मां यानी अस्तित्व। मां यानी व्यक्तित्व। मां के लिए कोई दो शब्द नहीं लिख सकता। एक वही है जो बच्चे को नौ माह तक कोख में रखती है। तीन साल तक अपने गोद में और 16 […]
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