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Analysis
आंचलिक सियासी स्वार्थ तय करते हैं राष्ट्र-नीति!
के. विक्रम राव छः दशक बीते। लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. जीएन धवन और प्रोफेसर पीएन मसालदान ने मुझे एम.ए. में पढ़ाया था कि हर गणराज्य की विदेश नीति सार्वभौम और स्वतंत्र होनी चाहिए। फिर “टाइम्स आफ इंडिया” में सात प्रदेशों में संवाददाता का काम करते मैंने पाया कि आंचलिक सियासी स्वार्थ […]
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