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Litreture
कविता : प्रेम, दया, आशीर्वाद गिनते रहिये
बीत गया जो, बदला कैसे जायेगा, मंतव्य वास्तविकता कैसे बतलाएगा, मंज़िल अलग, गंतव्य एक होता है, बीती बिगड़ी बातें भी बनते देखा है। सकारात्मक सोच सदा सदैव, हमें सकारात्मकता ही देती है, जो चीज़ किसी और को देते हैं, वही हम तक लौट फिर आती है। हार मान कर संघर्षों से बैठ जाओगे तो जीवन […]
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