#Female-Male

Analysis

ओशो की यह वाणी पढ़कर आँखें हो जाएँगी नमः स्त्री इतनी कामुक कभी भी नहीं है, जितने पुरुष कामुक हैं

स्त्री की कामवासना को अगर न जगाया जाए तो स्त्री कभी आतुर नहीं होती। स्त्री को दी गईं गालियां, अपमान, अशोभन शब्द अब तक सदव्यवहार क्यों? आचार्य रजनीश ‘ओशो’ अगर स्त्रियों के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार करना दुर्व्यवहार है, तो मैं ज़रूर दुर्व्यवहार करता हूं। अब तक साधु–संत स्त्रियों के साथ घृणा का व्यवहार करते रहे […]

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Litreture

राधा संग श्याम का सत्संग माँगे

कहा जाता है कि प्रेम और घृणा, एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, हर एक इंसान के दो गुण होते हैं, प्रेम में देते हैं घृणा में छीन लेते हैं। प्रेम में जुड़ने की ताक़त होती है, घृणा दूर रहने की व्यथा होती है, प्रेम में मित्रता की चाहत होती है, घृणा में शत्रुता […]

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