Gangotri

Religion
मकर वाहिनी गंगा आई
मकर वाहिनी गंगा आई। पाप नाशिनी गंगा आई।।१।। भागीरथ की उग्र तपस्या, गंगावतरण की महती इच्छा। पितरों को थी मुक्ति देना। ठान लिया प्रण नहीं बैठना।। एक पांव पर खड़े रहे वे। नारायण का नाम जपे वे।। ब्रह्मा जी ने यह सुधि पाई। विष्णु चरण धोकर थी लाई।। छलकाई जो बूंद कृपा कर। मुक्ति दायिनी […]
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