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Litreture

पुस्तक समीक्षा-संजना,उपन्यास

लेखक : सूर्य नारायण शुक्ल समीक्षक  : बीकेमणित्रिपाठी एक भौतिक विज्ञान के अध्येता का उपन्यासकार होना आश्चर्यजनक है। इनके प्रकाशित चौथे उपन्यास ‘संजना’ को मैने पढ़ा,एक बारगी में पढ़ गया। पुस्तक के शीर्षक की सार्थकता प्रमाणित है,क्योकि समूचा उपन्यास ‘संजना’ नाम की पात्रा के ही इर्दगिर्द घूमता है। उपन्यास में पाठको मे अगला वृत्तांत जानने […]

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Religion

अवध के राम है चराचर जगत के स्वामी

वेदों मे पवित्र ऊँ कार मैं हूं-श्री कृष्ण (गीता) प्रणव (ॐ), पूर्ण परात्पर ब्रह्म का एकाक्षर मंत्र हैं…यह सृष्टि का कारक है….पृथ्वी,जल,अग्नि,वायु, आकाश पंचतत्वों का कारक है…सबके भीतर समाया भी है । जिस प्रकार हाथ मे अंगूठा न हो तो खाना,पीना,लिखना,अस्त्र शस्त्र संचालन सभी असंभव है…अंगूठे को ब्रह्न का प्रतीक मानते हैं….उसी तरह हर मंत्र […]

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