#Justice Vikramjit Sen

Analysis

दसवीं सदी की बातें करना बेमानी!

के. विक्रम राव भारत राष्ट्र-राज्य का समाज और शासन किसी स्मृति के अनुसार अथवा शरीया के मुताबिक अनुपालित नहीं होगा। केवल गणतंत्रीय संविधान ही एकमात्र पथ और दिशा निर्देशक है और रहेगा। अतः धारा 44 के तहत आदेशित समान नागरिक संहिता ही दिशा सूचक होगी। उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने प्रस्ताव में तो समान […]

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