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Litreture
कविता : झूठे बोल अमीर के जी हाँ जी हाँ होय
कही जो बात गरीब ने सत्य न माने कोय। झूठे बोल अमीर के जी हाँ, जी हाँ होय॥ मान नहीं इंसान का धन पद का है होत। सत्य झूठ की जाँच भी धन पद से ही होत। सर्दी गर्मी देखकर वस्त्र बदलते लोग, हर स्थित के वस्त्र हों ऐसा हो संयोग। ऐसी मर्ज़ी प्रभू की […]
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