LIGHT
Litreture
कविता : सब धरा का धरा पर धरा रह जाएगा,
- Nayalook
- June 3, 2023
- #ego god
- #respect behavior
- life
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- Rich
जो बड़ेन को लघु कहें, नहिं रहीम घटि जाहिं। गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं॥ अपने अपने होते हैं, सभी अपने हैं, सबकी पसंद एक सी नहीं होती है, किसी से इज़्ज़त मांगी नहीं जाती है, अपने व्यवहार से ही कमाई जाती है। मेरा वही सम्मान का भाव भी था, प्रतिक्रिया चरण वंदन करके […]
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Litreture
कविता : प्रकृति का नियम
जिस तरह एक वृक्ष की प्रकृति होती है हमारी प्रकृति भी वैसी ही होनी चाहिए, हमें अपनी धरती पर रहकर वृक्ष की तरह, अपनी जड़ों के साथ ही जुड़े रहना चाहिए। जैसे वृक्ष में जब फल आते हैं तो उसकी डालें झुक जाती है, नई पत्तियों की तरह हमारी सोच भी विनम्र कोमल हो जाती […]
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