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महाकुंभ में राजकोष की लूट ही बड़ा खतरा योगीजी बचाएं!

भूलोक का विशालतम जनवादी पर्व महाकुंभ रोमांच के साथ आशंकायें भी सर्जाता है। भारतीय गणतंत्र का पहला पर्व (1954) को भुलाना सुगम नहीं है। एक प्रधानमंत्री की असावधानी और एक चौपाये की भड़क के परिणाम में 500 आस्थावान कुचलने से मर गए थे। लाशों की पहचान चप्पलों और जूतों से की गई थी। बारह करोड़ […]

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