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Analysis
पं. सीताराम त्रिपाठी के श्लाघ्य सार्वभौमिक जीवन सोपान
व्यक्ति अपने जीवन में कर्मों और विचारों से ही जाना जाता है। सभी अपना-अपना सत्य जीने के आग्रही हैं लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो शाश्वत सत्य को जीते हैं। मेरे पिताश्री पंडित सीताराम त्रिपाठी शाश्वत सत्य को जीते थे और अपने मन-कर्म और वचन से भी वह शाश्वत सत्य को आत्मसात कर कोई […]
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