#Prani Matra
Litreture
राम लखन सिय सहित विराजति
प्राणिमात्र कर स्वारथ येहू, राम चरण पद पंकज नेहू। रामु सनेहु मन वचन कर्म से, राम भगति अतिशय विवेक से। नर तनु यहु पावन करि लेहू, रघुपति नाम सदा जपि लेहू। मोहि परम प्रिय हैं सिय रामू, यह तनु सौंपि दीन्ह तिन्ह नामू। तनु बिन भाव भजन नहिं होहीं, वेद पाठ श्रुति ज्ञान नहिं पाहीं। […]
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