#President Brahmadatta Bugti
Analysis
कब प्रौढ़ होंगे हमारे मीडियाकर्मी? बलूच बागी को अपना बिरादर मानें!!
आजादी के साढ़े सात दशक बाद भारतीय मीडिया आज भी अंग्रेजी औपनिवेशिक प्रवृत्ति से ग्रस्त है, गाफिल है। विदेश के समाचार-प्रकाशन में राष्ट्रीय भावना को अपने मन में बैठाने और पाठकों को समझाने में विफल रहा है। उदाहरण हैं आज (आठ अप्रैल 2023) के अखबार। मसलन बलूचिस्तान की खबर आई कि पाकिस्तान के नवउपनिवेशवाद के […]
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