Pride

Litreture

कविता : मान करोगे मान मिलेगा

बड़े बुजुर्ग कहते थे जो जिसके पास होता है, वही दूसरों को दे पाता है, जो दूसरों को आदर देता है वह स्वयं भी तो आदरणीय हो जाता है। सम्मान और अभिमान दो शब्दों में केवल दो अक्षरों का फ़र्क़ होता है, परंतु दोनो शब्दों के अर्थ और भाव में ज़मीन आसमान सा अन्तर है […]

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Litreture

कविता : अभिमान, स्वाभिमान

जन्म से लेकर मृत्यु तलक का सफ़र बहुत ही लम्बा है, बचपन से वृद्धावस्था तलक जीवन का सफ़र झरोखा है। मेरा तेरा करते करते हम सबने सारी उम्र बितायी है, मेरा तेरा ना छोड़ सका कोई, मन से मन न मिला सका कोई। मंज़िल मन से मन मिलने की, सारी उम्र से ज़्यादा लम्बी है, […]

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कविता : कर्म योग एवं आत्म-दर्शन

छिति, जल, पावक, गगन, समीर, पाँच तत्व मिल बना अग़म शरीर, सत, रज, तम गुण मानव तन के, मन रहता इनसे ही अति अधीर । गीता ज्ञान यही देता है, क़र्म योग कर देता है जीवन का नीर छीर, भौतिक चका-चौंध का घना तिमिर उपजाता है सुख-पीर । राग, द्वेष, इच्छा, घमंड, सुख- दुःख, धैर्य […]

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