#Renaissance
Religion
अहं ब्रह्मास्मि…?
अब नाटक खेलने की उम्र नहीं है, अब थोड़ा सच मे जी लेने दो, खुल कर प्रकृति मे सांस लेने दो, जरा पंच महाभूतों को, महसूस करने दो अपने भीतर। पंच प्राणो का पुनर्जागरण होने दो। मै ईश्वर को महसूस करना चाहता हूं, अपने भीतर.. और भीतर.. और भीतर। देखना चाहता हूं,उसका भव्य रूप… बाहर.. […]
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